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भारतीयों के लिए यूरोप के 29 देशों में घूमना हुआ आसान, यूरोपीय यूनियन ने वीजा नियमों में किया बदलाव

शेंगेन वीजा (Schengen Visa) एक ऐसा वीजा है, जो गैर-यूरोपीय लोगों को यूरोपीय संघ के देशों की यात्रा और वहां अल्पकालिक समय के लिए रहने की परमिशन देता है. आमतौर पर इस वीजा की वैधता एंट्री डेट से शुरू होकर अधिकतम 90 दिनों तक होती है. हालांकि, ये वीजा विदेश में काम करने की परमिशन नहीं देता. लेकिन अब भारतीय नागरिक लंबी वैधता वाले मल्टीपल एंट्री शेंगेन वीजा के लिए भी आवेदन कर सकते हैं. यूरोपीय संघ के राजदूत हर्वे डेल्फिन ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी.
दरअसल, यूरोपीय संघ (EC) ने नए वीज़ा नियमों को अपनाया है. इससे भारत से बार-बार आने वाले यात्रियों को लंबी वैधता के साथ मल्टीपल एंट्री के लिए अप्लाई करने की परमिशन मिलेगी. इससे 29 देशों की यात्रा आसान हो जाएगी. यूरोपीय संघ ने 18 अप्रैल को नए नियम अपनाए थे.

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भारत के लिए अपनाए गए शेंगेन वीजा के ‘कैस्केड’ के अनुसार, पिछले तीन साल के अंदर दो वीजा प्राप्त करने और वैध रूप से उसका इस्तेमला करने के बाद भारतीय नागरिकों को अब दो साल के लिए वैध दीर्घकालिक और मल्टीपल एंट्री का शेंगेन वीजा जारी किया जा सकता है.

नए नियमों में कहा गया कि अगर पासपोर्ट की पर्याप्त वैधता बाकी है, तो दो साल के वीजा के बाद आम तौर पर पांच साल का वीजा दिया जाएगा. यूरोपीय संघ ने कहा कि ऐसे वीजा की वैधता अवधि के दौरान धारकों को वीजा मुक्त नागरिकों के बराबर यात्रा अधिकार प्राप्त होंगे.

शेंगेन क्षेत्र में 29 यूरोपीय देश शामिल हैं. इनमें 25 यूरोपीय संघ के देश हैं. बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, जर्मनी, एस्टोनिया, ग्रीस, स्पेन, फ्रांस, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्ज़मबर्ग, हंगरी, माल्टा, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवेनिया, स्लोवाकिया, फिनलैंड और स्वीडन यूरोपीय संघ के सदस्य देश हैं. इसके अलावा आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड भी शेंगेन क्षेत्र में आते हैं.

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