मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के युवाओं की आत्मनिर्भरता और रोजगार के लिए राज्य सरकार सभी क्षेत्रों में कार्य कर रही है. उद्योगों में निवेश प्रोत्साहन के लिए आगामी 27 अप्रैल को इंदौर में आईटी इंडस्ट्री-कॉन्क्लेव और 3 मई को एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव मंदसौर में आयोजित की जा रही है. मालवांचल सहित प्रदेश में कृषि और किसानों की समृद्धि के लिए कल्याणकारी योजनाएं संचालित हैं.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव कॉन्क्लेव में शामिल अतिथि टेक-दिग्गजों और निवेशकों को प्रदेश के तकनीकी और डिजिटल नवाचार और उससे संबंधित आर्थिक दृष्टिकोण से परिचित कराएंगे. अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग संजय दुबे ने बताया है कि कॉन्क्लेव राज्य सरकार का दृष्टिकोण समझाने के साथ ही इसके ठोस क्रियान्वयन का प्रतीक है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशन में 2 माह में ही कई परियोजनाओं का भूमि-पूजन और आईटी इकाइयों के लिए आवंटन पत्र जारी कर दिए हैं.
एंटरटेनमेंट आर्ट्स का महामेला
कॉन्क्लेव में गूगल, माइक्रोसोफ्ट, एनवीडिया, सीमेन्स-ईडीए, एएनएसआर, थोलोन्स, योट्टा, सीटीआरएलएस डाटा सेंटर्स, रैकबैंक, नेटलिंक, इफोबीन्स, डेटा इंजीनियस ग्लोबल, केन्स टेक्नोलॉजी, एचएलबीएस टेक, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), पंचशील रियल्टी, एंबर एंटरप्राइज़ेस, केदारा कैपिटल, बॉस्टन इंडिया, प्राइमस पार्टनर्स, वीएलएसआई सोसाइटी ऑफ इंडिया, और कर्नाटक डिजिटल इकोनॉमी मिशन (केडीईएम) समेत अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टेक कंपनियों की भागीदारी होगी. साथ ही, मध्यप्रदेश की अग्रणी आईटी एवं स्टार्ट-अप कंपनियाँ जैसे इंपेटस टेक्नोलॉजीज, अपोइंटी और यश टेक्नोलॉजीज भी इस आयोजन में सम्मिलित होंगी.
इस कॉन्क्लेव में एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्टेन्डेड रियलिटी (एवीजीसी-एक्सआर) उद्योग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इस आयोजन में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) एवीजी समिति, क्रेजी एनिमेसन्स स्टूडियो, पर्पल टर्टल, एबीएआई, कायरा एनिमेशन्स और सेंटर फॉर एंटरटेनमेंट आर्ट्स जैसी संस्थाएँ भी इस कॉन्क्लेव में हिस्सा लेंगी.
इंदौर के भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दृष्टि सीपीएस फाउंडेशन जैसे शैक्षणिक संस्थानों की सहभागिता से अकादमिक-उद्योग सहयोग को बढ़ावा मिलेगा. कार्यक्रम में नीतिगत घोषणाएं, एमपीएसईडीसी कॉफी टेबल बुक का विमोचन और ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर्स, सेमीकंडक्टर्स, कॉमिक्स और एक्टेन्डेड रियलिटी और ड्रोन्स से संबंधित नीति-निर्देश जारी किए जाएंगे. कॉन्क्लेव में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, इनक्यूबेशन हब, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर नोड्स, नए आईटी पार्क, स्किल डेवेलपमेंट सेंटर, और स्टार्ट-अप इनक्यूबेटर का शिलान्यास किया जाएगा.
प्रमुख उद्योगपतियों से होगी मीटिंग
सुबह सेक्टोरल राउंड-टेबल्स में जीसीसी, आईटी, आईटीईस, सेमीकंडक्टर्स, ड्रोन्स और एवीजीस-एक्सआर पर चर्चा होगीष इसमें उद्योग जगत और सरकारी अधिकारी रणनीतिक साझेदारी पर संवाद करेंगे.
दोपहर बाद मुख्यमंत्री और प्रमुख उद्योगपतियों के बीच वन-ऑन-वन मीटिंग्स होंगी, ताकि निवेश प्रस्तावों को शीघ्र स्वीकृति और परियोजनाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके.
राज्य सरकार के एकीकृत प्रोत्साहन पोर्टल का शुभारंभ भी किया जाएगा, जो सभी निवेश परियोजनाओं के लिए रियलटाइम अपडेट और सिंगल विंडो सुविधा प्रदान करेगा. एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025, डिजिटल भारत की दिशा में मध्यप्रदेश की अग्रणी भूमिका को सुनिश्चत कर प्रदेश को वैश्विक नवाचार मानचित्र पर प्रदान करेगा.
उन्नत फसलों और पशुपालन से विकास
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसी के साथ ये भी कि उन्नत फसलों और पशुपालन से किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. राज्य सरकार किसानों को सोलर पंप प्रदान कर बिजली के बिल से बोझ से उन्हें मुक्त करने के लिए भी कार्य कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान खेती की नई तकनीक की जानकारी प्राप्त करें और नवाचारों से प्रेरणा लें. इस उद्देश्य से कृषि पर केन्द्रित कॉन्क्लेव आयोजित किया जा रहा है. राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने, खेती को लाभकारी बनाने की दिशा में हरसंभव प्रयास कर रही है.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश का किसान सम्पन्न होगा तो प्रदेश और देश भी समृद्ध होगा. राज्य सरकार युवा, महिला और किसान के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरुवार को मीडिया के लिए जारी संदेश में यह विचार व्यक्त किए.