एमक्योर फार्मास्यूटिकल्स की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) की जज नमिता थापर (Namita Thaper) भारत की इंजीनियरिंग एजुकेश और वर्क कल्चर के बारे में हॉटमेल के को-फाउंडर सबीर भाटिया (Sabeer Bhatia) के बयान की आलोचना की है.
एक पॉडकास्ट में भाटिया ने भारतीय इंजीनियरों में प्रैक्टिकल स्क्लि और आलोचनात्मक सोच की कमी को उजागर किया. उन्होंने आगे कहा कि देश में ज्यादातर इंजीनियरिंग ग्रेजुएशन को रियल प्रोडक्ट बनाने के बजाय मैनेजमेंट भूमिकाओं में हैं.
नमिता थापर ने क्या कहा?
नमिता थापर ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज में इस कमेंट का जवाब देते हुए लिखा, ‘वह 8 साल तक अमेरिका में रहीं और वहां कई भारतीयों से मिलीं, जिसमें से ज्यादातर भारत की आलोचना करना पसंद करते हैं.’ इसके अलावा, उन्होंने सरकार से स्किल पलायन रोकने पर काम करने के लिए अपील की. सबीर भाटिया पर बोलते हुए नमिता थापर (Namita Thaper) ने कहा कि दूसरे देश में जाने के बाद ‘ज्ञान देना’ आसान है. लेकिन वास्तविक चुनौती अपने देश में रहकर बदलाव लाने में है.
आखिर सबीर भाटिया ने ऐसा क्या बोला था?
पॉडकास्ट में भाटिया ने कहा कि इंजीनियर (Engineer) के तौर पर ग्रेजुएशन करने वाले 99 प्रतिशत भारतीय मैनेजमेंट में शामिल हो जाते हैं और सभी को ज्ञान देना शुरू कर देते हैं. काम करने की नैतिकता कहां है, जहां वे वास्तव में अपने हाथों से काम करते हैं और वास्तव में जाकर कुछ सामान बनाते हैं?
उन्होंने उन कारोबारियों के प्रति भारत के सम्मान के पीछे की विडंबना को भी उजागर किया, जो उनके विचार में सॉफ्टवेयर बनाने के बजाय आउटसोर्सिंग को बढ़ावा देते हैं. इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत को टेक्निकल स्किल के प्रति अपने नजरिए में बड़े बदलाव करने होंगे और उन लोगों का सम्मान करना होगा जो सॉफ्टवेयर बनाते हैं, कोड लिखते हैं, कार्य करते हैं या इन समस्याओं के बारे में आलोचनात्मक नजरिए से सोचते हैं.
चीन के साथ तुलना
चीन के साथ तुलना करते हुए हॉटमेल के सह-संस्थापक ने कहा कि चीन सभी को एजुकेट करता है. यह सब्सिडी वाली एजुकेशन, सब्सिडी वाली कारों जैसा है. उन्होंने कहा कि भारत में आज एजुकेशन अमीरों का विशेषाधिकार है और अमीर लोग क्या करते हैं? वे बस एजुकेशन पाना चाहते हैं और किसी से शादी करके दहेज लेना चाहते हैं. यह कैसी सोच है?