बांग्लादेश में तख्तापलट और शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद भी हालात सुधरने और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु ने बांग्लादेश में हिंदुओं की हालत पर प्रतिक्रिया दी है और कहा कि इस घृणित हिंसा को तुरंत रोकना चाहिए. उन्होंने कहा कि हाल के समय में जो बॉर्डर (सीमाएं) खींची गई हैं, वो निरपेक्ष नहीं हैं.
Immediate halt to despicable atrocities in #Bangladesh is paramount, but documenting these atrocities in as much detail as possible is equally important. The national borders that were drawn in recent times are not absolute. The cultural ties and the civilizational connect is far…
— Sadhguru (@SadhguruJV) August 13, 2024
उन्होंने बांग्लादेश में हो रहीं हिंसा पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “बांग्लादेश में घिनौने अत्याचारों पर तत्काल रोक लगाना अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन इन अत्याचारों को विस्तार से दस्तावेज करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है. हाल के समय में खींची गई राष्ट्रीय सीमाएं निरपेक्ष नहीं हैं. सांस्कृतिक संबंध और सभ्यतागत जुड़ाव कहीं अधिक महत्वपूर्ण है. भारत को सिर्फ सीमा की तर्कसंगतता से नहीं बंधना चाहिए, बल्कि 75 वर्ष से अधिक पुरानी सभ्यता की व्यापक वास्तविकताओं से बंधना चाहिए.”
वहीं, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन ने सोमवार को अल्पसंख्यकों के साथ हो रही हिंसा पर बोलते हुए कहा, ‘हमने निर्देश दिया है. हमारे अल्पसंख्यक भाइयों की सुरक्षा करना बहुसंख्यक समुदाय का सबसे पहला कर्तव्य है. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं और इसके बजाय मस्जिद में नमाज पढ़ने में व्यस्त रहते हैं तो उन्हें जवाब देना होगा कि वे सुरक्षा प्रदान करने में विफल क्यों रहे.’
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारियों से हाल की हिंसा के दौरान कानून लागू करने वालों से लूटी गई राइफलों सहित सभी अवैध और अनधिकृत आग्नेयास्त्रों को 19 अगस्त तक आत्मसमर्पण करने निर्देश दिया है.