इंडिगो की फ्लाइट 6E 2142 को बुधवार को श्रीनगर एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी. विमान भयंकर टर्बुलेंस में फंस गया था और इसका अगला हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. मौसम बिगड़ने से विमान के अंदर की हालत कैसी थी उस के डरावने वीडियो सामने आए हैं. इसी फ्लाइट में टीएमसी की नेता सागरिका घोष भी सवार थीं. सागरिका ने इस फ्लाइट में जो हुआ उसके बाद कहा यह बिल्कुल मौत का अनुभव करने जैसा था.
डेरेक ओ’ब्रायन, नदीमुल हक, सागरिका घोष, मानस भुनिया और ममता ठाकुर सहित तृणमूल कांग्रेस का 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर जाने वाली फ्लाइट पर सवार था, जिसमें खराब मौसम के चलते हालात खराब हो गए और फिर विमान की सुरक्षित इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई.
“मौत जैसा अनुभव था”
टीएमसी नेता घोष ने कहा, यह मौत के करीब जैसा अनुभव था. मुझे लगा मेरी जिंदगी खत्म होने वाली है. लोग डर रहे थे, दहशत से चिल्ला रहे थे और दुआएं कर रहे थे. उन्होंने आगे पायलट की तारीफ करते हुए कहा, पायलट को सलाम है जिन्होंने हमें वहां से निकाला. जब हम उतरे तो हमने देखा कि विमान का पिछला हिस्सा उड़ गया था. घोष ने बताया कि इमरजेंसी लैंडिंग के बाद प्रतिनिधिमंडल ने पायलट को धन्यवाद दिया
इस फ्लाइट में 200 लोग सवार थे और सभी सुरक्षित हैं. किसी को किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है. हालांकि, जैसे ही मौसम बिगड़ा और फ्लाइट का कैबिन हिलने लगा, हालात बिगड़ने लगे तो लोग दहशत में आ गए और दुआएं करने लगें. फ्लाइट के वीडियो सामने आ रहे हैं, जिसमें लोगों का डर और दहशत साफ देखी जा सकती है.
जम्मू-कश्मीर क्यों पहुंचा TMC प्रतिनिधिमंडल
टीएमसी प्रतिनिधिमंडल 23 मई तक जम्मू-कश्मीर में रहेगा और श्रीनगर के अलावा पुंछ और राजौरी का दौरा करेगा. पार्टी ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल सीमा पार हमलों से प्रभावित लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करने और अपने परिवार वालों को खोने वाले लोगों का दुख शेयर करने के लिए वहां पहुंचा.
सागरिका घोष ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती गांवों को ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की तरफ से किए गए अटैक से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है और प्रतिनिधिमंडल लोगों को यह बताने आया है कि वो अकेले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सीमावर्ती गांवों को “अनदेखा” नहीं किया जाना चाहिए और उन्हें वह ध्यान, राहत और पुनर्वास मिलना चाहिए जिसके वे हकदार हैं.
ऑपरेशन सिन्दूर के बाद पाकिस्तान की तरफ से एलओसी पर गोलाबारी की गई जिससे सीमावर्ती गांव प्रभावित हुए. इसी के चलते टीएमसी प्रतिनिधमंडल उन लोगों से मुलाकात करने पहुंचा है.
भारत ने 22 अप्रैल के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के निर्णायक सैन्य जवाब के रूप में 7 मई को ऑपरेशन सिन्दूर शुरू किया. भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया, जिससे जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए.