अंडरग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम (नीट यूजी) विवादों में घिरा हुआ है. इसके बीच शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को यूजीसी नेट परीक्षा रद्द करने का फैसला किया था. नीट यूजी एग्जाम को लेकर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेस की. इसमें उन्होंने कहा कि छात्रों के हित हमारी प्राथमिकता हैं. इससे समझौता नहीं होगा. नीट परीक्षा कें संबंध में हम बिहार सरकार के लगातार संपर्क में हैं. शिक्षा मंत्री होने के नाते मैं इस मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं.
शिक्षामंत्री ने कहा कि NEET की परीक्षा 5 मई को हुई, इसमें 2 बात सामने आई हैं. पहली कुछ जगह पर गड़बड़ियों की बात आई है, दूसरी कुछ जगह पर समय कम मिलने के कारण स्टूडेंट्स में आक्रोश था. इसे लेकर छात्र कोर्ट पहुंचे. इस पर कोर्ट ने सुझाव दिया. इसके बाद NTA ने एक फॉर्मूला तैयार किया. इसके तहत ही ग्रेस मार्किंग की व्यवस्था की गई. इसके बाद कुछ स्टूडेंट फिर कोर्ट गए. अदालत के हस्तक्षेप से सरकार को कहा गया कि आप एक विकल्प मॉडल लेकर आएं. उन्होंने कहा कि 1563 छात्रों को परीक्षा में कम समय मिला था, ऐसे स्टूडेंट्स के लिए कोर्ट ने री-एग्जामिनेशन का आदेश दिया है. इसके बाद कुछ जगहों पर पेपर लीक की जानकारी भी सामने आई है. ये मामला पटना में सामने आया. वहां की पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
हम लोग बिहार सरकार के लगातार संपर्क में हैं। पटना पुलिस मामले के तह तक जा रही है। एक डिटेल्ड रिपोर्ट पटना पुलिस भारत सरकार को जल्द सौंपने वाली है।
कोई भी दोषी पाया जाएगा तो उसपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी। pic.twitter.com/gGIabXUi4N
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) June 20, 2024
क्या NTA को क्लीन चिट देने में उन्होंने बहुत जल्दबाजी दिखाई? इस सवाल के जवाब पर शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ये मेरी गलती थी. मैंने चुनाव के बाद ज्वाइन किया था. मेरा पहला दिन था, उसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने री-टेस्ट का आदेश दिया. उस समय तक मेरे पास किसी विसंगति की जानकारी नहीं थी. तब मैंने कहा था कि अभी तक मेरे पास जानकारी है कि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है, लेकिन जैसे ही मुझे इस बारे में जानकारी हुई, तो मैं तुरंत एक्टिव हुआ. मैंने बिहार प्रशासन से बात की.
शिक्षामंत्री ने कहा कि प्रजातंत्र में जो सच है, उसका जिक्र करना चाहिए. उन्होंने कहा कि NEET की परीक्षा देने वाले छात्रों के हित हमारे लिए सर्वोपरि हैं. उनके मन में कोई विचलन पैदा न हो, ये हमारी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि हमने कुछ कहा और उसमे कुछ भ्रम हुआ तो उसे स्वीकार करने में मुझे कोई दुविधा नहीं है. हालांकि मैंने पहले भी कहा था कि कोई भी ताकतवर व्यक्ति हो, अगर वह दोषी पाया जाता है तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा. हम अपनी बात पर कायम हैं. आने वाले दिनों में परीक्षा में कोई गड़बड़ी न हो, जीरो एरर की व्यवस्था हो, इसकी हम तैयारी करेंगे.
NTA में सुधार के संबंध में सरकार एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करने जा रही है। उच्च-स्तरीय समिति से NTA, इसकी संरचना, कार्यप्रणाली, परीक्षा प्रक्रिया, पारदर्शिता और डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को और बेहतर बनाने के लिए रिकमेंडेशन की अपेक्षा होगी।
Zero-error परीक्षा हमारी प्रतिबद्धता… pic.twitter.com/ATySaIYFpu
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) June 20, 2024
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि NTA एक इंडिपेंडेंट और ऑटोनॉमस बॉडी है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि उसका कामकाज स्वच्छंद हो जाए और वह गैर-जिम्मेदार हो जाए. सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है, इसके तहत हाईलेवल कमेटी का गठन किया जाएगा, NTA का स्ट्रक्चर, उसकी एग्जामिनेशन प्रोसेस, डेटा सिक्योरिटी पर बहुत बारीकी से ध्यान दिया जा रहा है. परीक्षाओं में पारदर्शिता और जीरो एरर के लिए एक्सपर्ट्स की सिफारिशों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि शैक्षिक संस्थानों में एक ही विचारधार के लोग हैं, इसलिए गड़बड़ी हो रही है, इस बारे में शिक्षामंत्री ने कहा कि मैं आज के समय में कोई राजनीतिक टिप्पणी करना उचित नहीं समझता, मेरी चिंता भारत के छात्रों के साथ है, लोकतंत्र में सभी विचारधारा के लोग रहते हैं, विपक्ष अपना काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि अपवाह और भ्रम काफी खतरनाक होता है.
शिक्षामंत्री ने कहा कि पटना की पुलिस, EOU ने जो जानकारी भारत सरकार को दिया है, उस पर जांच कराई जा रही है, बिहार पुलिस ने जो भी तथ्य केंद्र सरकार से मांगे थे, वह समय से दे दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि पटना की पुलिस ने समस्या की जड़ तक पहुंच गई है. उसकी सिफारिशें जल्द भारत सरकार के पास आ जाएगी, इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.