उदयपुर : पुलिस ने हाल ही में एक ऐसे शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया है जो शादी को ‘लूट का धंधा’ बना चुका था. इस गैंग के सदस्य भोले-भाले पुरुषों को प्रेम जाल में फंसाते थे और फिर दूल्हा बनने के सपने देखने वाले इन पुरुषों से मोटी रकम ऐंठकर रफूचक्कर हो जाते थे. यह मामला किसी बॉलीवुड फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं है, जिसमें ट्विस्ट और टर्न की कोई कमी नहीं है.
मामले का खुलासा तब हुआ जब कानोड़ के पंकज खारोल नामक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई. पंकज की पहली पत्नी के जाने के बाद गांव के मांगीलाल ने उनकी दूसरी शादी का जिम्मा उठाया. पंकज के लिए ललिताबाई नामक एक ‘परी’ अवतरित हुई और 20 जनवरी, 2025 को धूमधाम से शादी भी हो गई. इस दौरान कैलाश और सुनील नाम के दो ‘शुभचिंतकों’ ने ललिताबाई के रिश्तेदार बनकर ‘सिक्योरिटी’ के नाम पर पंकज से ₹1.5 लाख नकद और अन्य खर्चों के तौर पर ₹30,000 और ऐंठ लिए. कुल मिलाकर, यह शादी पंकज को ₹1.8 लाख में पड़ी. वाह, क्या शानदार निवेश.
शादी के बाद ललिताबाई करीब 10 दिन तक पंकज के साथ रहीं और फिर ‘मौसाजी की मौत’ का बहाना बनाकर जावरा निकल गईं. लेकिन, यह मौत का बहाना नहीं, बल्कि लूट का प्लान था! जावरा पहुंचकर ललिताबाई स्नान के बहाने सारे गहने और ₹1.5 लाख नकद लेकर नौ-दो-ग्यारह हो गईं. पंकज बेचारे, अपनी दुल्हनिया को ढूंढते ही रह गए.
जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसने आखिरकार सुनील, कैलाश और ‘लुटेरी दुल्हन’ ललिताबाई को मध्य प्रदेश के रतलाम से धर दबोचा. पुलिस पूछताछ में पता चला कि ललिताबाई पहले से शादीशुदा थीं और उनके बच्चे भी थे. यह सिर्फ एक सुनियोजित ठगी थी, जिसे गिरोह ने कई और लोगों के साथ भी अंजाम दिया है.
तो दोस्तों, अगर आप भी शादी करने की सोच रहे हैं, तो जरा संभल कर! कहीं ऐसा न हो कि आपकी ‘परी’ आपको ‘फर्श’ पर लाकर छोड़ जाए! इस गिरोह ने तो प्यार और शादी जैसे पवित्र रिश्ते को भी ठगी का हथियार बना लिया था. पुलिस अब अन्य वारदातों की भी जांच कर रही है. लगता है, इस ‘लूट का धंधा’ फिल्म का दूसरा पार्ट भी जल्द ही देखने को मिलेगा.