मुंगेर सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में बीते बुधवार (30 जुलाई, 2025) की देर शाम जमकर हंगामा हुआ. मामला नवजात की अदला-बदली को लेकर था. दो बच्चों के जन्म के बाद ममता की लापरवाही से अस्पताल में भारी बवाल हो गया.
क्या है मामला?
जमालपुर थाना क्षेत्र के रामचंद्रपुर गांव निवासी गणेश प्रसाद की 28 वर्षीय पत्नी कविता और हवेली खड़गपुर प्रखंड के मिल्की उत्तर टोला निवासी गौतम कुमार सिंह की 26 वर्षीय पत्नी अंकिता सिंह प्रसव कराने के लिए सदर अस्पताल पहुंचीं. चिकित्सकों ने दोनों महिलाओं का ऑपरेशन किया. एक को लकड़ा और एक ने लड़की को जन्म दिया.
प्रसव वार्ड में काम करने वाली ममता सुमित्रा ने कविता के नवजात पुत्र को कविता का परिजन समझ अंकिता सिंह की सास शांति देवी को दे दिया. कहा कि आपको पोता हुआ है. इसके बाद ममता नवजात बच्चे को अंदर डॉक्टर के पास ले गई. थोड़ी देर बाद ममता ने अंकिता सिंह की सास को आकर बताया कि आपकी बहू ने लड़के को नहीं लड़की को जन्म दिया है. ममता की बात सुनकर अंकिता सिंह के परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. प्रसव केंद्र में बच्चे को बदलने को आरोप लगाते हुए नवजात बच्ची को लेने से इनकार कर दिया.
‘पुत्र को जन्म दिया है… पुत्र को ही लेंगे’
उधर कविता के परिजनों ने भी नवजात बच्ची को लेने से इनकार कर दिया. कहा कि कविता ने पुत्र को जन्म दिया है तो पुत्र को ही लेंगे. हंगामा होने पर सदर अस्पताल के चिकित्सक बीएन सिंह सहित अन्य कर्मी प्रसव वार्ड में पहुंचे. दोनों परिजनों को समझाया लेकिन ये लोग मानने को तैयार नहीं थे.
अंकिता सिंह की सास शांति देवी ने कहा कि ममता ने बच्चे को देकर कहा कि आपको पोता हुआ है. पोता की खुशी में उन्होंने ममता को 700 रुपये भी दिए. इसेक बाद ममता बच्चे को डॉक्टर से दिखाने के बहाने अंदर लेकर चली गई और थोड़ी देर बाद वापस आकर कहने लगी कि लड़की हुई है लड़का नहीं हुआ है. उधर कविता कुमारी ने बताया कि उसे बेटा हुआ है.
सदर अस्पताल के चिकित्सक बीएन सिंह ने बताया कि दोनों बच्चों के जन्म के बाद दोनों का समय दर्ज किया गया है. कविता कुमारी ने पुत्र और अंकिता सिंह ने पुत्री को जन्म दिया है. ममता ने परिजनों की पहचान नहीं की और दूसरे परिजनों को बच्चा दे दिया जिसके कारण हंगामा हुआ है. उन्होंने कहा कि परिजन अगर अपने-अपने बच्चों को नहीं लेते हैं तो कोर्ट से डीएनए टेस्ट का आदेश लेंगे.