उत्तरी कश्मीर में बांदीपुरा जिले के गुरेज सेक्टर में सुरक्षा बलों ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर बड़ी घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी. एलओसी बाड़ के पास आतंकवादियों की गतिविधि देखी जाने के बाद मुस्तैद जवानें ने चुनौती दी. घुसपैठ कर रहे आतंकवादियों की ओर से भी गोलीबारी की गई, जवाब में सुरक्षा बलों की ओर से भी फायरिंग की गई. इसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई. इससे पहले 30 अगस्त को सेना ने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा पर दो अलग-अलग अभियानों में तीन घुसपैठियों को ढेर कर दिया था.
सेना के अधिकारियों ने बताया कि कुपवाड़ा जिले के तंगधार में 28-29 अगस्त की मध्यरात्रि को संभावित घुसपैठ की कोशिशों के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था. कुपवाड़ा जिले के माछिल में एलओसी पर संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद लगभग उसी समय एक और संयुक्त अभियान शुरू किया गया. खराब मौसम का फायदा उठाकर आतंकी सीमा पार से भारतीय क्षेत्र में घुसने की फिराक में थे. मुस्तैद जवानों ने घुसपैठियों को निशाना बनाकर गोलीबारी की, जिसमें दो आतंकी ढेर हो गए.
मारे गए आतंकियों के पास से दो एके-47 राइफल, एक पिस्तौल, चार हथगोले और अन्य आपत्तिजनक सामग्रियां बरामद की गईं. पिछले कुछ महीनों से उत्तरी कश्मीर के बारामूला, कुपवाड़ा और बांदीपोरा जिलों में घुसपैठियों के खिलाफ लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं. जम्मू में कठुआ, सांबा, उधमपुर, डोडा, रियासी, राजौरी और पुंछ जिलों से घुसपैठ के प्रयास, हमले और हथियारों की बरामदगी की सूचना मिली है. घुसपैठ की कोशिशें ऐसे समय में की जा रही हैं जब जम्मू-कश्मीर करीब दस साल बाद विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहा है.
केंद्र शासित प्रदेश की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 18, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होना है. नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित होंगे. इंडियन आर्मी और बीएसएफ अधिकारियों ने कहा है कि फरवरी 2021 से भारत और पाकिस्तान के बीच ताजा संघर्ष विराम समझौते के बावजूद, जम्मू क्षेत्र में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ के कई प्रयास किए गए हैं. पुलिस और सेना के अधिकारियों का कहना है कि हाइली ट्रेंड विदेशी घुसपैठिए चुनौती बने हुए हैं. अधिकारियों के अनुसार, जम्मू में 70 से 80 विदेशी घुसपैठिए सक्रिय हैं और लगभग इतनी ही संख्या में कश्मीर घाटी में भी सक्रिय हैं. उन्होंने 1990 के दशक की शुरुआत में इस्तेमाल किए गए पुराने घुसपैठ मार्गों से घुसपैठ की है और छोटे समूहों में काम कर रहे हैं.