जबलपुर: पहलगाम में हुए आतंकी घटना के बाद मुस्लिम युवक ने हिंदू धर्म अपनाकर की प्रेमिका से विवाह, गंगाजल पीकर मांग में भरा सिंदूर…

 

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Madhya Pradesh: जबलपुर के रांझी क्षेत्र से एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसमें एक मुस्लिम युवक ने बिना किसी दबाव के अपनी मर्जी से हिंदू धर्म अपनाते हुए हिंदू रीति-रिवाजों से विवाह किया। युवक आन मोहम्मद खान ने पहलगाम, जम्मू-कश्मीर में हुई आतंकी घटना से आहत होकर मुस्लिम धर्म त्याग दिया और राम मंदिर में विधिवत पूजन-अर्चन कर हिंदू धर्म स्वीकार किया. इसके साथ ही उसने अपना नाम ‘संजू’ रख लिया.

संजू और युवती सृष्टि हालदार, दोनों जबलपुर के रांझी क्षेत्र के निवासी हैं. युवक सिलाई मशीन रिपेयरिंग का कार्य करता है जबकि युवती टाइपिंग सीखने के लिए वहीं पास में आती थी। इसी दौरान दोनों के बीच प्रेम संबंध की शुरुआत हुई जो पिछले तीन वर्षों से चल रहा था। परिवार की आपत्तियों और सामाजिक विरोध के बावजूद दोनों ने एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ा और अंततः विवाह का निर्णय लिया.

संजू और सृष्टि ने पहले एसडीएम के समक्ष पेश होकर कोर्ट मैरिज की, जिसके बाद राम मंदिर में हिंदू परंपरा के अनुसार विवाह संपन्न हुआ। विवाह के समय पुरोहित ने मंत्र उच्चारण के साथ दोनों को गंगाजल पिलाया और सृष्टि की मांग में संजू ने सिंदूर भरा और जयमाला पहनाई, इसके बाद दोनों ने भगवान श्री राम जानकी के सामने पैर पड़ कर अपनी जिंदगी की नई शुरुआत की। इस समारोह में बजरंग दल एवं अन्य हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे। साथ ही लड़की के माता-पिता भी विवाह समारोह में मौजूद थे.

लड़की की मां ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक लड़का कोर्ट के सामने खड़े होकर हिंदू धर्म नहीं अपनाता, वे इस विवाह को स्वीकार नहीं करेंगे। इस पर संजू ने खुले तौर पर धर्म परिवर्तन कर विवाह को सामाजिक और धार्मिक स्वीकृति दी. उसने कहा कि देश में हो रही आतंकी घटनाओं से उसका मन व्यथित था ऐसे में जब सृष्टि ने समाज से लड़कर उससे विवाह करने का निर्णय लिया, तो यह उसका भी कर्तव्य था कि वह हिंदू धर्म अपनाकर इस रिश्ते को पूरी स्वीकार्यता दे.

सृष्टि ने बताया कि दोनों के प्रेम संबंध की जानकारी पहले से ही सबको थी, लेकिन परिवार की तरफ से इस रिश्ते का विरोध किया जा रहा था. घर में तनावपूर्ण स्थिति बन गई थी, जिसके चलते दोनों ने भागकर विवाह करने का फैसला लिया। आज मंदिर में उनके विवाह के साक्षी सभी बन रहे हैं। यह घटना धार्मिक एवं सामाजिक दृष्टि से बहस का विषय बन सकती है, लेकिन इसमें सबसे अहम बात यह है कि युवक ने बिना किसी दबाव या जोर-जबरदस्ती के स्वयं धर्म परिवर्तन कर विवाह किया है. यह प्रेम, आस्था और सामाजिक स्वीकृति के जटिल संबंधों को एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है.

 

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