मध्य प्रदेश के जबलपुर में समपरीक्षा विभाग में करीब सात करोड़ का घोटाला करने के बाद बीते दो माह से फरार चल रहा है, बाबू संदीप शर्मा को आखिरकार ओमती पुलिस ने बुधवार की शाम उस दौरान गिरफ्तार किया, जब वह अपने परिवार के साथ देखा गया. पुलिस ने संदीप शर्मा के साथ उसकी पत्नी, मां, सास और बहन को भी गिरफ्तार किया है.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
सम परीक्षा विभाग का बाबू संदीप शर्मा जिसने की ऑडिट विभाग में पैरोल जेनरेशन और बिल क्रिएशन में क्रिएटर का काम करते हुए सॉफ्टवेयर में फर्जीवाड़ा कर प्रतिमाह करीब 4:30 लाख रुपए की सैलरी अपने खाते में ट्रांसफर की थी। यह राशि उसकी मूल तनखनाह से 56 लाख 58000 रुपए अधिक थी, इसके अलावा संदीप ने अर्जित अवकाश समर्पण और समूह बीमा योजना के चार करोड़ 59 लाख 82 हजार रुपए एवं परिवार कल्याण निधि की राशि 57 लाख 87 हजार रुपए का भुगतान अपने और अपने रिश्तेदारों के बैंक खाते में जमा किए थे.
पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि बाबू संदीप शर्मा ने उपसंचालक मनोज बरहैया एवं सीमा अमित तिवारी, प्रिया बिश्नोई सहित अनूप के खाते में भी रकम पहुंचाई थी। जानकारी के मुताबिक आरोपी को पकड़ने के लिए कई जिलों में टीम रवाना की गई थी लेकिन सुराग नहीं मिल रहा था कि वह आखिरकार कहां जाकर छुप गया है। ओमती पुलिस ने संदीप के साथ उसकी पत्नी स्वाति, मां पूनम, सास मेनूका और बहन श्वेता शर्मा को भी गिरफ्तार किया है. संदीप शर्मा ने इन सभी के खातों में भी लाखों रुपए ट्रांसफर किए थे.
संदीप शर्मा के खिलाफ 12 मार्च को ओमती थाने में धोखाधड़ी सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था, जैसे ही उसे यह जानकारी लगी तो वह फरार हो गया, इसके बाद जबलपुर पुलिस ने उसके खिलाफ 20000 रुपए का इनाम घोषित किया था.
सीएसपी सोनू कुर्मी ने बताया की 7 करोड़ के फर्जीवाड़ का मास्टरमाइंड बाबू संदीप शर्मा भले ही गिरफ्तार हो गया हो, लेकिन अभी इस घोटाले में शामिल उपसंचालक मनोज बरहैया, सीमा अमित तिवारी, अनूप कुमार बोरिया और प्रिया बिश्नोई फरार है पुलिस ने इन पर भी 20000 रुपए का इनाम घोषित किया है. ओमती पुलिस का दावा है कि जल्द ही यह लोग भी पुलिस गिरफ्त में होंगे.