जबलपुर : जिस पिता ने उंगली पड़कर चलना सिखाया, सोचा था कि वह उसका बुढ़ापे का सहारा बनेगा, उसी पिता की उसके बेटे ने गला घोट कर अपने ही पिता को मौत के घाट उतार दिया, जहां हत्या करने की वजह सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे यह पूरा मामला मध्य प्रदेश का जहां यह खबर सुनकर हर कोई हैरान है.
मध्य प्रदेश के जबलपुर में कठौंदा कचरा प्लांट में 10 अप्रैल को एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था. जिसे पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल अस्पताल भिजवाया गया था जहां डॉक्टरों की रिपोर्ट पर पुलिस ने जांच में पाया कि गला दबाकर उसकी हत्या की गई है. अंधे हत्याकांड में माढ़ोताल थाना पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी. 13 अप्रैल को पुलिस ने मृतक की शिनाख्त की, तो जानकारी लगी कि उसका नाम सुंदरलाल उर्फ बल्लू कोरी उम्र 51 साल, निवासी दद्दा नगर का है.
मृतक सुंदरलाल ने की थी दूसरी शादी
माढ़ोताल निवासी महिला गीता कोरी से मृतक की सुंदरलाल ने दूसरी शादी की थी. 9 तारीख रात से ही सुंदरलाल लापता था। पुलिस ने मृतक के घर के आसपास रहने वाले लोगों से पूछताछ की लोगों ने बताया प्राइवेट काम करने वाला सुंदरलाल आए दिन शराब पीकर घर आता है और पत्नी के साथ मारपीट करता था, इतना नहीं सौतेली बेटियों पर भी उसकी गलत नजर रहती थी, जिसको लेकर 17 वर्षीय सगे बेटे से उसका आए दिन विवाद भी होता था.
पुलिस को हुआ 17 साल के बेटे पर शक
सुंदरलाल ने गीता कोरी से दूसरा विवाह किया था, जिससे उसे दो बेटे हुए . गीता के पहले पति की मृत्यु हो चुकी थी, जिससे उसकी तीन बेटियां थीं. सुंदरलाल की पहचान होने के बाद पुलिस ने घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया. जांच के दौरान कठौंदा कचरा प्लांट के पास रहने वाले कुछ लोगों से पूछताछ की गई. उन्होंने बताया कि 9 अप्रैल की रात एक बाइक पर चार लोग जाते हुए देखे गए थे.
स्थानीय लोगों से बातचीत की तो कुछ लोगों ने इस बात की पुष्टि
पुलिस पुलिस कप्तान सम्पत उपाध्याय द्वारा घटित हुई घटना को गम्भीरता से लेते हुये अज्ञात आरोपी की पतासाजी कर शीघ्र गिरफ्तारी हेतु आदेशित किये जाने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर आनंद कलादगी, एवं नगर पुलिस अधीक्षक माढोताल बी एस गोठरिया के मार्गनिर्देशन में थाना प्रभारी माढेाताल नीलेश दोहरे के नेतृत्व में टीम गठित कर लगायी गयी. जहा पुलिस ने मृतक के बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पहले तो उसने कहा कि वह घटना वाले दिन जबलपुर में नहीं था, इसलिए उसे कुछ पता नहीं. लेकिन जब पुलिस ने उसकी मोबाइल लोकेशन खंगाली, तो सामने आया कि वह झूठ बोल रहा था और जिस रात सुंदरलाल लापता हुआ था, वह कचरा प्लांट के आसपास ही मौजूद था.
पुलिस की पूछताछ में नाबालिग ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. आरोपी ने बताया कि उसने माढ़ोताल में रहने वाले दो दोस्तों-उदय चड़ार पिता गणेश चड़ार (उम्र 19 वर्ष, निवासी ग्राम औरिया, कंटगी बायपास) और साहिल रैकवार पिता अरविंद रैकवार (उम्र 18 वर्ष, निवासी ग्राम औरिया, सरकारी स्कूल के पास, थाना माढ़ोताल) के साथ मिलकर हत्या की थी। नाबालिग ने पुलिस को बताया कि उसका पिता रोज शराब पीकर घर आता और मां के साथ मारपीट करता था। कुछ दिन पहले उसने मां की उंगली तोड़ दी थी। तब बहुत गुस्सा आया, लेकिन मां ने बदले में कुछ भी करने से मना कर दिया. आरोपी ने बताया कि उसने एक-दो बार देखा कि शराब पीकर आने के बाद पिता सुंदरलाल, उसकी सौतेली बहनों के साथ छेड़खानी कर रहा है. तभी उसने मन में ठान लिया था कि जो आदमी अपनी ही बेटियों पर गंदी नजर रखता है, उसे जीने का कोई हक नहीं.
हत्या का प्लान
सुंदरलाल रोज शराब पीकर घर आता था। जब उसकी पत्नी गीता कोरी उससे कुछ कहती, तो वह गाली-गलौच करने के साथ मारपीट भी करने लगता था. यही वजह थी कि 7 अप्रैल को 17 वर्षीय नाबालिग ने अपने दोनों दोस्तों के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई. 9 तारीख को जब सुंदरलाल शराब के नशे में धुत होकर घर लौटा, तभी नाबालिग ने पहले तो अपने पिता को और शराब पिलाई जहा उसके दोनों दोस्त पहले से मौजूद थे. नाबालिग ने सुंदरलाल को धक्का दिया, जिससे वह ज़मीन पर गिर पड़ा. इसके बाद तीनों ने मिलकर उसका गला घोंट दिया. हत्या करने के बाद तीनों आरोपियों ने एक ही बाइक पर सवार हुए. शव को चादर में लपेटा और रात के अंधेरे में उसे कठौंदा कचरा प्लांट के पास ले जाकर फेक दिया.
बाइक सहित नाले में गिरे आरोपी
सुंदरलाल का शव फेकने के बाद तीनों आरोपी बाइक से लौट रहे थे। रास्ते में उनकी बाइक नाले में गिर गई, जिससे तीनों को हाथ-पैर में गंभीर चोटें आईं. किसी तरह वे दद्दा नगर वापस पहुंचे. सुंदरलाल हत्याकांड के तीनों आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. मुख्य आरोपी मृतक बेटा है, जिसने घर में रोज-रोज हो रहे विवादों के कारण हत्या की थी. तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से 17 वर्षीय नाबालिग को बाल न्यायालय भेजा गया, जबकि अन्य दो को जबलपुर जेल भेज दिया गया है.
उल्लेखनीय भूमिका- अंधी हत्या का खुलासा करते हुये विधि विवादित बालक सहित आरोपी युवको को पकडने में थाना प्रभारी माढोताल नीलेश दोहरे, उप निरीक्षक नीलेश पोर्ते, उप निरीक्षक गनपत मसकोले, सहायक उप निरीक्षक बेनीराम उईके, विजय शुक्ला, प्रधान आरक्षक शिवेन्द्र, आरक्षक शशि, सुरजीत, निकेश, सचिन, नरेन्द्र, प्रतीक, विनय, बलराम, दिलीप जोगी राहुल की सराहनीय भूमिका रही.