जबलपुर : मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर जिले के चरगवां क्षेत्र सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में अवैध रूप से देशी और अंग्रेजी शराब की बिक्री धड़ल्ले से जारी है. शाम होते ही इन इलाकों में शराब के अड्डे गुलजार हो जाते हैं, जहां शराबी नशे में धुत होकर सड़क पर वाहन चलाते हैं, जिससे आए दिन हादसे हो रहे हैं. शराब के नशे में झगड़े और अपराध बढ़ रहे हैं, जिससे ग्रामीणों का शांति और सुरक्षा का माहौल बिगड़ता जा रहा है.
स्थानीय आबकारी विभाग को इन अवैध गतिविधियों की पूरी जानकारी होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि विभाग की मिलीभगत के कारण शराब माफिया बेखौफ होकर अपना धंधा चला रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में बिना किसी रोक-टोक के शराब आसानी से उपलब्ध हो रही है, जिससे स्थानीय युवाओं और भोले-भाले ग्रामीणों की लत बढ़ती जा रही है.
इस अवैध धंधे के चलते गाँवों का माहौल दूषित हो रहा है. जहाँ लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पानी तक उपलब्ध नहीं हो पाता, वहीं शराब आसानी से मिल रही है. शराब माफियाओं ने गाँवों तक सप्लाई पहुँचाने के लिए ठेकेदारों और स्थानीय प्रशासन से सांठगांठ कर ली है. जीप और बाइकों के माध्यम से शराब का परिवहन किया जा रहा है, लेकिन प्रशासन इस पर रोक लगाने में पूरी तरह विफल साबित हो रहा है.
आसानी से उपलब्ध शराब के कारण क्षेत्र में अपराध बढ़ रहे हैं. चोरी, मारपीट और घरेलू हिंसा जैसी घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं। सबसे अधिक प्रभावित युवा वर्ग हो रहा है, जो नशे की चपेट में आकर अपने भविष्य को दांव पर लगा रहा है. प्रशासन की निष्क्रियता और आबकारी विभाग की लापरवाही के कारण शराब माफियाओं के हौसले बुलंद हैं.
यदि प्रशासन ने जल्द ही इस अवैध कारोबार पर रोक नहीं लगाई, तो यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि गाँवों का माहौल सुरक्षित और स्वस्थ बनाया जा सके.ग्रामीणों को भी इस सामाजिक बुराई के खिलाफ आवाज उठानी होगी, जिससे आने वाली पीढ़ी को नशे के जाल से बचाया जा सके.