जबलपुर: संस्कारधानी जबलपुर का नगर निगम नौटंकी का अड्डा बन गया है. गुरुवार को जबलपुर नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी के पार्षद ने नर्मदा जल से पूरे परिसर को शुद्ध करने की नौटंकी की. भाजपा पार्षद जीतू कटारे का कहना है कि, ”दिग्विजय सिंह के आने से जबलपुर नगर निगम अपवित्र हो गया था.” वहीं, कांग्रेस नेता अमरीश मिश्रा का कहना है कि ”शुद्धिकरण की जरूरत भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के दिल और दिमाग के लिए है, जो जानबूझकर जनहित के मुद्दों से पल्ला झाड़ने के लिए नौटंकी कर रहे हैं.”
नगर निगम में नर्मदा जल का छिड़काव
भारतीय जनता पार्टी के पार्षद जीतू कटारे ने तिलवारा घाट से नर्मदा जल भरा और वे इस जल को लेकर जबलपुर नगर निगम के सदन में पहुंचे. इसके बाद जीतू कटारे और उनके साथियों ने नर्मदा जल सदन के सामने के पोर्च में डालकर उसे साफ किया. फिर इसी नर्मदा जल को लेकर जीतू कटारे सदन के भीतर पहुंचे और उन्होंने पूरे सदन में नर्मदा जल को छिड़का. इसके साथ ही उन्होंने पंडितों को भी बुलाया था. पंडितों ने भी यहां मंत्र उपचार किया और पूजा पाठ किया.
दिग्विजय सिंह के आने से अपवित्र हो गया नगर निगम
जीतू कटारे ने इसे नगर निगम की शुद्धि बताया है. जीतू कटारे का कहना है कि, ”बीते दिनों कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह नगर निगम में आए थे और उनके आने से नगर निगम आप पवित्र हो गया था. जीतू कटारे का तर्क है कि दिग्विजय सिंह ने जबलपुर में सरस्वती शिशु मंदिर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में वक्तव्य दिया और उनकी सोच तालिबानी है. इसीलिए उनके आने से नगर निगम अपवित्र हो गया और वे नर्मदा जल से नगर निगम को पवित्र कर रहे हैं.”
शुद्धिकरण की जरूरत भाजपा नेताओं के दिमाग को
जबलपुर नगर निगम सदन के नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा का कहना है कि, ”यह जीतू कटारे की ओछी मानसिकता है. दिग्विजय सिंह 10 साल तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं, वह कांग्रेस के बड़े नेता हैं. अमरीश मिश्रा का आरोप है कि जबलपुर नगर निगम में भ्रष्टाचार हो रहा है, इसी भ्रष्टाचार के विरोध में कांग्रेस के पार्षदों ने लगातार 24 घंटे धरना दिया. हम नगर निगम सदन में धरने पर बैठे रहे तो जाहिर सी बात है कि हमारे नेता हमसे मिलने आएंगे और दिग्विजय सिंह ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था जिसकी वजह से यह नौटंकी की जाए.” अमरीश मिश्रा का कहना है कि ”जीतू कटारे और भारतीय जनता पार्टी की मानसिकता ओछी है और शुद्धिकरण की जरूरत नगर निगम को नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के दिल और दिमाग को ज्यादा है.”