जबलपुर: स्मार्ट सिटी अस्पताल कांड…पत्रकार पर हमले का मास्टरमाइंड डॉक्टर अमित खरे गया जेल, भाजपा मंडल अध्यक्ष सहित फरार अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस

जबलपुर। पत्रकार सुनील सेन पर हुए हमले का मास्टर माइंड स्मार्ट सिटी अस्पताल का संचालक अमित खरे जेल चला गया.गिरफ्तारी के बाद खरे दो दिन की पुलिस रिमांड पर था.सोमवार को रिमांड खत्म होने के बाद उसे न्यायालय में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया.

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राज और मोनू ने खोला राज-
गढ़ा थाना पुलिस ने हमले के दो आरोपियों राज उपाध्याय और मोनू खटीक को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था.पूछताछ में दोनों ने कबूल किया कि हमला डॉक्टर खरे के इशारे पर किया गया था.उनके साथियों यशवंत सिंह और तरुण सिंह भी वारदात में शामिल थे.दोनों फरार चल रहे हैं.

सागर से दबोचा गया खरे-
गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने डॉक्टर खरे की तलाश तेज की और उसे सागर से दबोच लिया.गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसे दो दिन की रिमांड पर लिया.रिमांड अवधि में पुलिस ने फरार आरोपियों यशवंत और तरुण के ठिकानों के बारे में पूछताछ की.

अदालत से जेल भेजा गया-
सोमवार को रिमांड खत्म होने के बाद पुलिस ने खरे को अदालत में पेश किया.न्यायालय ने उसे जेल भेजने के आदेश दिए। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अब फरार आरोपियों यशवंत और तरुण की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है.

भाजपा का मंडल अध्यक्ष प्रशांत दुबे उर्फ गुलान का अपराधियों को संरक्षण,
घटना के कुछ दिन पहले ही शहर के नामी धर्मेंद्र यादव, भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रशांत दुबे उर्फ गुलान, और ब्रजेश उपाध्याय के द्वारा पत्रकार को फोन कर कर धमकियां भी दी गई थी साथ ही उसे यशवंत और अमित खरे का हवाला देकर बैठने के लिए कहा गया था लेकिन पत्रकार सुनील सेन ने इस मामले को लेकर बैठने से मना कर दिया उसके बाद इस घटना को अंजाम दिया गया, जहां पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है,

पत्रकारिता दबाने की साजिश उजागर-

पूरे घटनाक्रम ने यह साफ कर दिया है कि पत्रकार सुनील सेन पर हमला केवल व्यक्तिगत रंजिश नहीं था, बल्कि स्मार्ट सिटी अस्पताल से जुड़े घोटालों की खबरें दबाने की सोची-समझी साजिश थी.डॉक्टर खरे के जेल जाने के बाद अब पुलिस की अगली चुनौती फरार आरोपियों को पकड़ना है.

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