जबलपुर: इंजेक्शन देख रोई मासूम बच्ची को चिकित्सक ने जड़ा थप्पड़ ! पीड़ित दंपत्ति ने थाने में दर्ज कराई शिकायत

जबलपुर : विजय नगर थाना अंतर्गत कॉफी हाउस के पीछे स्थित एडवांस एंडोस्कोपी एंड सर्जिकल सेंटर के  चिकित्सक के खिलाफ एक मासूम बच्ची के साथ बदसलूकी कर थप्पड़ मारने का आरोप लगाया गया हैं. चिकित्सक डॉ. गोपाल तीर्थानी के पास पानदरीबा,  निवासी एक महिला अधिवक्ता अपने पति के साथ अपनी 8 साल की नाबालिग बेटी आयुषी जैन (परिवर्तित नाम) का उपचार कराने गए थे.

आयुषी की लेजर सर्जरी की सलाह स्वयं डॉ. तीर्थानी द्वारा दी गई थी. जैन दंपत्ति का आरोप हैं कि डॉ. तीर्थानी द्वारा ऑपरेशन के पूर्व एक इंजेक्शन देने के दौरान मासूम आयुषी रोने लगी, बच्ची के रोने पर चिकित्सक को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने मासूम बच्ची के बाएं गाल पर जोरदार थप्पड़ रसीद कर दिया गया। दंपत्ति का आरोप हैं कि डॉ. तीर्थानी ने आयुषी को इतनी जोर से थप्पड़ मारा कि वह बुरी तरह रोने लगी और उसे देखकर उसकी माँ को भी रोना आ गया.

बच्ची को थप्पड़ मारने के बाद आरोपी चिकित्सक द्वारा बच्ची की माँ को ऑपरेशन थिएटर के बाहर जाने के लिए कहा गया। दंपत्ति के विरोध जताने के बावजूद कथित तौर पर डॉ. तीर्थानी ने अपनी गलती नहीं मानी न हीं बच्ची और उसके अभिभावकों से माफी मांगी उल्टे उन्हे ही बातें सुनाते रहें. नाराज दंपत्ति इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने विजय नगर थाने पहुंचे लेकिन यहां बिजली गुल होने की वजह से वे एफआईआर दर्ज नहीं करा सके.

जिस पर थाने में वे हस्ताक्षरित शिकायत देकर वापस लौटे। शिकायत में पीडि़त बच्ची आयुषी की माँ ने आरोपी चिकित्सक डॉ. तीर्थानी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ ही उनका लाइसेंस निलंबित करने की मांग की हैं ताकि इस तरह का कथित तौर पर क्रूरतम व्यवहार वे किसी अन्य बच्चों के साथ न कर सकें.

उन्होंने इंडियन मेडीकल एसोसिएशन और सीएमएचओ से इस मामलें की शिकायत भी की है.उधर डॉक्टर ने अपने बचाव में कहा है कि बच्ची के हाथ पैर चलाने से उन्हें लग गया, जबकि बच्ची की मां का कहना है कि इंजैक्शन की निडिल ही नहीं खुली थी तो लगने का सवाल ही नहीं उठता. बहरहाल डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है.

डॉक्टर के व्यवहार इस तरह का होना चाहिए कि मरीज का दर्द ऐसे ही दूर हो जाए.बहुत से चिकित्सकों का मधुर व्यवहार मरीजों का आधा मर्ज ठीक कर देता है लेकिन कुछ चिकित्सक अपने क्रूर रवैए से पूरे डॉक्टर पेशे को बदनाम करने में तुले है.

सहमति पत्र फाड़ा-
बच्ची का रोना डॉक्टर को इतना नगंवार गुजरा कि उन्होंने न केवल बच्ची के बाएं गाल पर जोरदार तमाचा मारा, जिससे गाल में सूजन आ गई, बल्कि लेजर ऑपरेशन के लिए मरीज के अभिभावक से भराए गए सहमति पत्र को फाड़ दिया.

चिकित्सक ने मांगी माफी-
इधर डॉ. तीर्थानी ने कहा कि जैन दंपत्ति को वे काफी समय से जानते हैं और किसी करीबी के माध्यम से ही वे उपचार कराने के लिए उनके पास पहुंचे थे.डॉ. तीर्थानी ने स्वीकारा की लेजर ऑपरेशन की उन्हीं के द्वारा सलाह दी गई थी.बच्ची को ऑपरेशन के दौरान डर न लगे इसलिए उसकी माँ को भी ऑपरेशन थिएटर में रहने के लिए कहा गया था.

डॉ. तीर्थानी का कहना हैं कि जो इंजेक्शन बच्ची को लगना था बच्ची के विरोध की वजह से वह उनके हाथ में लग गया. जिसके बाद उन्होंने बच्ची का मुंह पकडऩे का प्रयास किया जिस पर उसकी माँ को ऐसा लगा कि वे थप्पड़ मार रहे हैं. उन्होंने कहा कि 8 साल की बच्ची को उन्होंने थप्पड़ नहीं मारा हैं फिर भी यदि जैन दंपत्ति को ऐसा लगता हैं तो वे क्षमा मांगते हैं.

मामला विवेचना में-
इधर विजय नगर थाना पुलिस का कहना हैं कि इस गंभीर घटना में जैन दंपत्ति की शिकायत पर मामला विवेचना में लिया गया हैं. विवेचना के बाद ही पुलिस कुछ कहने की स्थिति में आ पाएगी.फिलहाल पीडि़त महिला अधिवक्ता की शिकायत ले कर पीडि़ता बच्ची का विक्टोरिया हॉस्पिटल में मुलाहिजा कराया गया.विक्टोरिया जिला अस्पताल के  चिकित्सक ने एमएलसी में मुंदी चोट के कारण दर्द बताया.बाएं गाल पर चांटा मारे जाने की वजह से निशान भी बना दिखाई दिया.

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