जैजैपुर: जिला पंचायत चुनाव में गड़बड़ी का आरोप, अभ्यर्थी ने पुनर्मतगणना और न्यायालय जाने की दी चेतावनी

जैजैपुर : 17 फरवरी 2025 को सम्पन्न हुए त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान जिला पंचायत सदस्य हेतु हुए मतदान और मतगणना अब भारी विवादों में घिरता हुआ नज़र आ रहा है. दरअसल जिला पंचायत सदस्य के अभ्यर्थियों के हाथ कुछ ऐसे दस्तावेज हाथ लगे हैँ जिससे संपन्न हुए चुनावों की गोपनीयता व विश्वसनियता पर सवाल उठने लगा है. 

गौरतलब है कि सक्ती जिले के जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र क्रमांक 08( क्षेत्र – तुषार) के अभ्यर्थी पावन सिंह चंद्रा ने पीठासीन अधिकारीयों पर अन्य अभ्यर्थी से मिलकर उनके पक्ष में हुए मतदान को निरस्त करने और कई सारे मत को दूसरे अभ्यर्थी ( द्रौपदी कीर्तन चंद्रा ) के पक्ष में गिनती कर एंट्री करने का आरोप लगाते हुए पुनर्मतगणना की माँग की है. उक्त शिकायतकर्ता द्वारा पीठासीन अधिकारियों पर मनमानी करते हुए अभ्यर्थी और अभिकर्ताओं के आवेदन को भी अस्वीकार करने का आरोप लगाया गया है.

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न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी

जिले के जिम्मेदार अधिकारियों के मनमाने रवैये से परेशान अपने न्याय के लिए संघर्षरत अभ्यर्थी आवेदन- निवेदन कर थक – हारने के बाद अब न्यायालय के शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैँ, उन्हें प्रशासनिक अधिकारियों से अब न्याय मिलने की आस नहीं दिखाई दे रही है इसलिए उनके और आम जनता के साथ हुए धोखे के खिलाफ उन्हें न्याय दिलाने के लिए अब न्यायालय का ही आखिरी रास्ता दिखाई दे रहा है जिस हेतु अब उन्होंने कमर कस ली है.



क्या है मामला ? कैसे खुला पोल ?

दरअसल दिनाँक 17-02-2025 को संपन्न हुए पंच ,सरपंच ,बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य पद के लिए एक साथ चुनाव सम्पन कराया गया था ,इस दौरान कुछेक मतदान केंद्रों में गिनती के दौरान कुछ कमियां देखने सुनने को मिली लेकिन इसका खुलासा तब हुआ जब बूथ क्रमांक 123 ( ग्राम पंचायत- काशीगढ़ ) के पीठासीन अधिकारी द्वारा अभ्यर्थियों को सौंपे गये गणना पर्ची जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा जारी की गई सूचि का मिलान किया गया.

ज्ञात हो कि उक्त बूथ के पीठासीन अधिकारी द्वारा प्रदत्त गणना पर्ची में कांग्रेस समर्थित अभ्यर्थी पावन सिंह चंद्रा को 243 मत प्राप्त होना दर्शाया गया था. लेकिन जब निर्वाचन अधिकारी कार्यालय जिला सक्ती द्वारा सूचि जारी की गई तो उनके पक्ष में उस बूथ से केवल 13 मत प्राप्त होने की जानकारी प्रकाशित की गई. जिससे उन्हें इस पर संदेह हुआ जिसके बाद कलेक्टर सहित निर्वाचन अधिकारी से इस बात की पुष्टि के लिए पुनर्मतगणना सहित जाँच कर दोषियों पर कार्यवाही करने की माँग किया गया है. साथ ही न्यायोचित कार्यवाही नहीं होने पर माननीय न्यायालय के शरण में जाते हुए कार्यवाही की माँग करने की बात कही गई है.

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