जयपुर: के प्रतिष्ठित ‘द पैलेस स्कूल’ को आज तीसरी बार बम से उड़ाने की धमकी मिली है. यह धमकी एक ईमेल के जरिए भेजी गई है, जिसने न सिर्फ स्कूल प्रशासन, बल्कि पूरे शहर के लोगों को दहशत में डाल दिया है. यह कोई पहला मौका नहीं है, जब इस स्कूल को निशाना बनाया गया है. इसी साल जून और जुलाई में भी इसी तरह की धमकियां आ चुकी हैं. हालांकि हर बार यह सिर्फ अफवाह साबित होती है.
बुधवार सुबह जैसे ही स्कूल प्रशासन को धमकी भरा ईमेल मिला, उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी. सूचना मिलते ही जयपुर पुलिस के साथ-साथ आतंकवाद निरोधी दस्ता (ATS) और दमकल की टीमें भी मौके पर पहुंच गईं. बिना देर किए, पूरे स्कूल को खाली कराया गया और बच्चों को सुरक्षित उनके घर भेज दिया गया. स्कूल परिसर में डॉग स्क्वाड और बम डिस्पोजल टीमों ने चप्पे-चप्पे की तलाशी ली, लेकिन घंटों की मशक्कत के बाद भी कोई भी संदिग्ध वस्तु या बम नहीं मिला.
इसी स्कूल को 16 जून को भी एक धमकी भरा मेल आया था. उस समय भी पुलिस ने घंटों तक सर्च ऑपरेशन चलाया था, लेकिन कुछ नहीं मिला था. पुलिस ने इसे एक अफवाह मानकर राहत की सांस ली थी. लेकिन उस मेल में जो बातें लिखी थीं, वो बेहद परेशान करने वाली थीं. उसमें एक बलात्कारी दिविज का जिक्र किया गया था और कहा गया था कि अगर उसकी सही से जांच नहीं हुई और हैदराबाद की एक बलात्कार पीड़िता को न्याय नहीं मिला, तो वे स्कूल के प्रिंसिपल की हत्या कर देंगे.
इतना ही नहीं, उसमें धमकी दी गई थी कि वे प्रिंसिपल के शव को टुकड़ों में काटकर एक काले सूटकेस में भर देंगे. मेल में यह भी लिखा था, ‘यदि छात्रों की मृत्यु होती है और स्कूल प्रभावित होता है, तो पुलिस सक्रिय हो जाएगी.’ यह धमकी किसी सनकी दिमाग की उपज लगती है, जो सिर्फ ध्यान खींचना चाहता है.
इसके अलावा, 21 जुलाई को भी जयपुर के ही विद्याधर नगर में स्थित एमजीपीएस स्कूल को भी एक ईमेल के जरिए धमकी दी गई थी. पुलिस जांच में वह धमकी भी एक अफवाह ही निकली थी.
लगातार हो रही इन घटनाओं से साफ है कि कुछ लोग जानबूझकर इस तरह की अफवाहें फैलाकर दहशत पैदा करना चाहते हैं. ये सिर्फ शरारत नहीं है, बल्कि एक तरह की मानसिक हिंसा है. पुलिस अब इन मामलों की गहराई से जांच कर रही है. उनका मकसद अब सिर्फ बम ढूंढना नहीं, बल्कि उस शख्स तक पहुंचना है जो इन मेल को भेज रहा है. साइबर एक्सपर्ट्स की मदद ली जा रही है ताकि ईमेल के आईपी एड्रेस को ट्रैक करके आरोपी तक पहुंचा जा सके.