विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में H-1B वीजा और व्यापार को लेकर बढ़े तनाव के बीच भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तार से चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने आपसी सहयोग और व्यापारिक समझ को मजबूत करने पर जोर दिया।
बैठक के दौरान जयशंकर ने H-1B वीजा को लेकर भारतीय पेशेवरों की चिंताओं को उठाया। उन्होंने कहा कि भारत में आईटी और तकनीकी क्षेत्रों में कुशल कर्मियों की अहमियत को ध्यान में रखते हुए वीजा नीतियों में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने व्यापारिक टैरिफ और आर्थिक नीतियों पर भी बातचीत की, ताकि दोनों देशों के बीच व्यापारिक संतुलन बनाए रखा जा सके।
मार्को रुबियो ने भी इस मौके पर भारत के महत्व को रेखांकित किया और द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत के साथ आर्थिक और तकनीकी क्षेत्र में सहयोग को और गहरा करना चाहता है। दोनों नेताओं ने सुरक्षा, तकनीकी नवाचार और निवेश को लेकर आपसी समझ को मजबूत करने पर भी विचार-विमर्श किया।
इस बैठक में क्लाइमेट परिवर्तन, वैश्विक सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के मुद्दों पर भी चर्चा हुई। जयशंकर ने इन क्षेत्रों में भारत की प्रतिबद्धता और योगदान के बारे में जानकारी दी। दोनों पक्षों ने वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बैठक का उद्देश्य केवल वीजा और व्यापारिक तनाव को कम करना ही नहीं, बल्कि भारत-US संबंधों को दीर्घकालिक और स्थायी रूप से मजबूत बनाना भी था। दोनों देशों ने आपसी संवाद बढ़ाने और रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
बैठक के बाद दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने कहा कि भविष्य में तकनीकी, व्यापारिक और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा। इस कदम से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में नई दिशा मिलने की संभावना है।