बलौदा बाजार में ‘जल-जंगल यात्रा’ की शुरूआत, बरसात के पानी को सहेजने जाएगा, DFO के साथ ग्रामीणों ने ट्रेकिंग कर देखा जंगल

बलौदा बाजार जिले में बरसात के पानी को सहेजने के लिए यात्रा की शुरुआत की गई है. मोर गांव मोर पानी अभियान से प्रेरित होकर इस मुहिम की शुरुआत हुई है. इसके तहत जंगल के नाले में पानी संरक्षित करने की दिशा में व्यापक चर्चा कर कार्ययोजना बनाने और इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को जोड़ा जा रहा है. ताकि इस यात्रा के साथ ही जल संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाया जा सके.

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पहले दिन बलौदा बाजार के वनमण्डलाधिकारी गणवीर धम्मशील के नेतृत्व में स्कूली स्टूडेंट्स, ग्रामीण और वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने ट्रेकिंग कर जंगल पहुंचे.

बलौदा बाजार में जल-जंगल यात्रा का आयोजन

जिले के वन परिक्षेत्र अर्जुनी अंतर्गत महराजी परिवृत में जल-जंगल यात्रा का आयोजन किया गया. वनमण्डलाधिकारी गणवीर धम्मशील ने बताया कि यह यात्रा “मोर गांव मोर पानी” अभियान से प्रेरित होकर शुरू की गई है, ताकि जंगल से निकलने वाले नालों के जल का संरक्षण कर भूजल स्तर को बढ़ाया जा सके. उन्होंने बताया कि इस पहल का उद्देश्य ग्रामीणों और विद्यार्थियों को जल और जंगल के महत्व से जोड़कर संरक्षण की दिशा में सहभागी बनाना है. पहले दिन इस यात्रा में हायर सेकेंडरी स्कूल गिरौदपुरी के विद्यार्थियों, ग्राम महराजी के ग्रामीणों और वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने सहभागिता की.

इस अभियान से प्रेरित है यात्रा 

वनमण्डलाधिकारी धम्मशील ने विद्यार्थियों और ग्रामीणों को वन भ्रमण कराते हुए बताया कि जंगलों से निकलने वाले छोटे-छोटे नालों का पानी गांव तक पहुंचता है. यदि इसे संरक्षित किया जाए तो आसपास के क्षेत्रों में जल संकट कम होगा. कृषि और पशुपालन से भी इसका लाभ मिलेगा. इसके लिए जल संरक्षण के छोटे-छोटे मॉडल भी विद्यार्थियों को दिखाए गए.

यात्रा के दौरान विभिन्न वन्य वृक्ष प्रजातियों, उनके पारिस्थितिकी में महत्व, वन्यप्राणियों की पहचान और संरक्षण के उपायों की जानकारी दी गई. तितलियों के विकास और पारिस्थितिक संतुलन में उनकी भूमिका पर भी विस्तृत चर्चा कर विद्यार्थियों में प्रकृति के प्रति जिज्ञासा जागृत की गई. विद्यार्थियों को भविष्य में वन संरक्षण से जुड़ने, पर्यावरण क्षेत्र में रोजगार और पढ़ाई में सही विषय चयन को लेकर करियर गाइडेंस भी दिया गया, ताकि वे प्रकृति संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी महसूस करते हुए समाज में जागरूकता फैला सकें.

इस स्कूल के शिक्षक-विद्यार्थी हुए शामिल

कार्यक्रम में गिरौदपुरी स्कूल के शिक्षकगण, वन प्रबंधन समिति महराजी के अध्यक्ष, समिति सदस्य, ग्रामवासी, वन परिक्षेत्र अधिकारी अर्जुनी, प्रशिक्षु वन क्षेत्रपाल मीनाक्षी साहू, रूपेश्वरी दीवान सहित वन परिक्षेत्र अर्जुनी के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे. स्थानीय ग्रामीणों ने भी जंगल की सुरक्षा, पौधारोपण और पानी संरक्षण को लेकर अपनी जिम्मेदारी निभाने का संकल्प लिया.

वन विभाग द्वारा आयोजित इस यात्रा ने विद्यार्थियों और ग्रामीणों में जल संरक्षण और जंगल बचाने की भावना मजबूत की है. वन विभाग द्वारा “मोर गांव मोर पानी” अभियान के तहत अब इस गतिविधि को आयोजित कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे जंगल के जल स्रोत संरक्षित रह सकें और आने वाली पीढ़ियों के लिए जल-जंगल की समृद्ध विरासत सुरक्षित रखी जा सके.

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