जालौन: मंत्री का OSD बनकर अधिकारी को धमकी, केस दर्ज न होने पर कॉल में दी चेतावनी; पुलिस आरोपी की तलाश में

उत्तर प्रदेश के जालौन में एक अज्ञात व्यक्ति ने खुद को जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का निजी सचिव (OSD) बताकर थानाध्यक्ष पर दबाव बनाने की कोशिश की. आरोपी ने ग्राम आल में हुई मारपीट की घटना में कार्रवाई न करने पर थानाध्यक्ष को फोन कर सख्त लहजे में चेतावनी दी. इसके बाद जब जांच हुई तो खुलासा हुआ कि कॉल फर्जी थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए थानाध्यक्ष ने खुद आगे बढ़कर कार्रवाई की और अज्ञात कॉलर के खिलाफ FIR दर्ज कराई.

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घटना 4 मई शाम करीब 4:53 बजे की है, जब कुठौंद थानाध्यक्ष अजय ब्रह्म तिवारी के सरकारी मोबाइल नंबर पर एक कॉल आई. कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को जल शक्ति मंत्री का OSD बताते हुए कहा कि ग्राम आल निवासी बलवीर सिंह के साथ हुई मारपीट की घटना में अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. कॉलर ने थानाध्यक्ष से सख्त लहजे में कहा, “माननीय मंत्री जानना चाहते हैं कि मुकदमा अब तक क्यों दर्ज नहीं हुआ.”

“मंत्री जी का OSD बोल रहा हूं”

थानाध्यक्ष अजय ब्रह्म तिवारी ने जब कॉलर से उसका पूरा नाम और पहचान पत्र की जानकारी मांगी, तो उसने दो टूक जवाब देते हुए कहा, “मैं मंत्री जी का OSD बोल रहा हूं, आप तुरंत कार्रवाई करें.” पूरी बातचीत लगभग 1 मिनट 23 सेकंड तक चली, लेकिन कॉलर की भाषा और व्यवहार पर संदेह होने के चलते थानाध्यक्ष ने तुरंत जल शक्ति मंत्री के कार्यालय से संपर्क किया. वहां से पुष्टि हुई कि इस नंबर से आया कॉल किसी भी रूप में मंत्री कार्यालय से जुड़ा नहीं है.

गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज

इस पुष्टि के बाद थानाध्यक्ष अजय ब्रह्म तिवारी ने 9 मई को कुठौंद थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक साजिश, सरकारी कार्य में बाधा और फर्जी पहचान अपनाकर अधिकारी पर दबाव बनाने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया. उन्होंने कहा कि ऐसी फर्जी कॉल न सिर्फ पुलिस की कार्यप्रणाली को बाधित करती हैं, बल्कि कानून व्यवस्था पर भी सीधा असर डालती हैं.

आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस

पुलिस अब कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) के आधार पर कॉलर की पहचान में जुटी है. थानाध्यक्ष अजय ब्रह्म तिवारी ने बताया कि कॉलर के नंबर को सर्विलांस पर लगा दिया गया है और तकनीकी साक्ष्यों की मदद से जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उन्होंने आम लोगों से भी अपील की है कि अगर किसी को इस तरह की संदिग्ध कॉल मिले या कोई व्यक्ति सरकारी अधिकारी बनकर दबाव डाले तो तुरंत संबंधित थाने में सूचना दें. पुलिस ऐसे मामलों में पूरी सतर्कता के साथ कार्रवाई कर रही है.

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