जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का शिकार हुए पीड़ित परिवारों के लिए रविवार (13 जुलाई) का दिन बेहद खास बन गया. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बारामूला में आतंकवाद के 40 पीड़ितों के परिजनों कोनियुक्ति पत्र सौंपे. इस दौरान उन्होंने आतंकवाद पीड़ित परिवारों को न्याय, नौकरी, मान्यता और समर्थन सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. एलजी ने कहा कि अब वो दिन चले गए जब आतंकवादियों के परिजनों को नौकरी मिलती थी.
बीते 29 जून को अनंतनाग में उपराज्यपाल ने आतंकवाद पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी इस दौरान उन्हें भरोसा दिया था कि अगले 30 दिनों के अंदर परिवार के सदस्य को नौकरी दी जाएगी. अगले 15 दिनों में एलजी ने अपना वादा पूरा किया और रविवार को उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपे. सिन्हा ने आतंकी वारदातों में जान गंवाने वाले 40 मृतकों के परिवार को नियुक्ति पत्रसौंपे हैं. यह प्रक्रिया तब तक जारी रहेगी जब तक हर पीड़ित के परिवार का पूरी तरह से पुनर्वास नहीं हो जाता.।
कार्यक्रम के दौरान एलजी सिन्हा ने कहा ‘आतंकवाद पीड़ित परिवारों को त्याग दिया गया और भुला दिया गया. वो दशकों तक चुपचाप कष्ट सहते रहे. पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा बेरहमी से मारे गए उनके प्रियजन की कहानियों को सामने लाया जा रहा है. यह केवल नियुक्ति पत्र नहीं, बल्कि न्याय, सम्मान और पुनर्वास की दिशा में एक बड़ा कदम है’.
उन्होंने कहा कि इन परिवारों की सच्चाई जानबूझकर दबाई गई. कोई भी उनके आंसू पोंछने नहीं आया. सभी जानते थे कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी इन नृशंस हत्याओं में शामिल थे लेकिन किसी ने भी हजारों बुजुर्ग माता-पिता, पत्नियों, भाइयों या बहनों को न्याय नहीं दिलाया. सिन्हा ने आतंकवाद पीड़ित परिवारों को न्याय, नौकरी, सम्मान और समर्थन सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.
‘दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा’
एलजी ने बताया कि अब प्रशासन स्वयं ऐसे पीड़ित परिवारों के दरवाजे तक पहुंचेगा. उनके पुनर्वास, रोजगार और अन्य जरूरी सहायता सुनिश्चित की जाएगी. सभी जिलों में हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं, जहां लोग अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं. उन्होंने बताया कि 90 के दशक से संबंधित सैकड़ों शिकायतें सामने आ रही हैं. कई मामलों में FIR तक दर्ज नहीं की गई थी. जमीनें कब्जा कर ली गईं, संपत्तियां तोड़ दी गईं. अब दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.