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गांदरबल आतंकी हमले में दो मजदूरों की मौत, 3 घायल, सुरक्षाबलों ने की इलाके की घेराबंदी

जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के सोनमर्ग क्षेत्र में रविवार शाम को आतंकवादियों ने दो प्रवासी मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी. हमला एक निर्माणाधीन सुरंग के पास हुआ. घटनास्थल पर सुरक्षा बलों को क्षेत्र की सुरक्षा करने और जांच शुरू करने के लिए भेजा गया है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बताया कि दो लोग मारे गए हैं और दो-तीन लोग घायल भी हुए हैं.

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शुरुआती जांच से पता चला कि, जिन श्रमिकों पर हमला किया गया है, वे जेड मोड़ सुरंग पर काम कर रहे निर्माण टीम का हिस्सा थे, जो मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में गगनीर को सोनमर्ग से जोड़ती है. सुरक्षा बलों की टीम हमले की जगह पर पहुंच गए हैं और इलाके की घेराबंदी कर दी है, और आतंकियों की तलाश की जा रही है. जम्मू कश्मीर पुलिस ने बताया कि इलाके की घेराबंदी कर दी गई है.

सीएम उमर अब्दुल्ला ने की निंदा

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस गोलीबारी पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “सोनमर्ग क्षेत्र के गगनीर में गैर-स्थानीय मजदूरों पर कायरतापूर्ण हमले की बहुत दुखद खबर है. ये लोग इलाके में बुनियादी ढांचा परियोजना पर काम कर रहे थे. इस आतंकवादी हमले में 2 लोग मारे गए हैं और 2-3 अन्य घायल हुए हैं. मैं निहत्थे निर्दोष लोगों पर इस हमले की कड़ी निंदा करता हूं और उनके प्रियजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं.”

गांदरबल फायरिंग के पांच पीड़ितों के नाम

गगनगीर में आतंकवादी गोलीबारी के पांच पीड़ित उप जिला अस्पताल लाए गए हैं, जिनमें एक गुरमीत सिंह को मृत लाया गया था, जो कि पंजाब के रहने वाले हैं. इनके अलावा एक मजदूर बिहार के हैं और तीन अन्य स्थानीय हैं.

गुरमीत सिंह पुत्र धरम सिंह निवासी पंजाब, उम्र करीब 30 साल.

इंदर यादव पुत्र गरीब दास निवासी बिहार, उम्र 35 साल.

मोहन लाल पुत्र सोमनाथ निवासी कठुआ, उम्र करीब 29/30 साल.

फैयाज अहमद लोन पुत्र जहूर अहमद लोन निवासी प्रेंग कंगन, उम्र करीब 26 साल.

जगतार सिंह पुत्र सूरा सिंह निवासी कठुआ, उम्र करीब 30 साल.

दो दिन पहले बिहार के मजदूर की हत्या

यह घटना दो दिन बाद हुई जब जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में एक बिहार के रहने वाले प्रवासी मजदूर की कथित तौर पर आतंकवादियों द्वारा हत्या कर दी गई थी. स्थानीय लोगों ने शुक्रवार सुबह सड़क किनारे शव को देखा था और फिर मजदूर की पहचान हो पाई थी. उसे तुरंत पास के जिला अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी थी.

अप्रैल में गैर-स्थानीय पर हुआ हमला

गैर-स्थानीय लोगों की आतंकवादियों द्वारा हत्या की घटनाओं ने क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी है. अप्रैल महीने में भी दो गैर-स्थानीय मजदूरों की आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी.

सेना के एक जवान भी पाए गए थे मृत

इस महीने की शुरुआत में, अनंतनाग जिले में आतंकवादियों द्वारा अपहरण के बाद एक भारतीय सेना के जवान को गोली लगने के बाद मृत पाया गया था. 8 अक्टूबर को टेरिटोरियल आर्मी की 161 यूनिट से संबंधित दो सैनिकों का अपहरण कर लिया गया था. हालांकि, उनमें से एक भागने में कामयाब रहे थे, लेकिन उन्हें भी दो गोलियां लगी थी.

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