मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री आवास पर धूमधाम से जन्माष्टमी पर्व मनाया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में भगवान श्रीराम ने अनेक वर्ष निवास किया, वहीं भगवान श्रीकृष्ण ने प्रदेश में आचार्य सांदिपनि आश्रम, उज्जैन में शिक्षा ग्रहण की. इस नाते मध्यप्रदेश गौरवशाली प्रदेश है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने भारतीय समाज के इन दोनों प्रमुख आराध्यों की प्रदेश से जुड़ी स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने के लिए उन स्थानों के विकास का निर्णय लिया है, जहां इन आराध्यों के चरण पड़े. इसके साथ ही भगवान कृष्ण के व्यक्तित्व और मध्यप्रदेश में शिक्षा प्राप्ति से जुड़े विभिन्न पक्षों पर शोध को भी प्रोत्साहित किया जाएगा.
दरअसल मोहन यादव मुख्यमंत्री निवास परिसर में जन्माष्टमी पर्व पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता प्रेरणा देती है. भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अध्ययन के लिए मध्यप्रदेश आने के साथ ही जगत गुरू के रूप में स्थापित होना ऐतिहासिक है. मुख्यमंत्री ने जन्माष्टमी कार्यक्रम में पधारे जनप्रतिनिधियों, विशिष्टजन और नागरिकों का हृदय से स्वागत किया.
धर्म और आध्यात्म के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम
वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष, सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने धर्म और आध्यात्म के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड में एक बरसाना गांव विकसित कर गो-पालन, जैविक खेती को बढ़ावा देने और ग्राम में मानवता, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक जनजागरण की गतिविधियों से आदर्श समाज बनाने की पहल की जा रही है.
गीता भवन बनाने की कल्पना साकार
इसके साथ ही नगरों में बुजुर्गों की सेवा और उनके लिए अध्ययन की व्यवस्था के उद्देश्य से गीता भवन बनाने की कल्पना भी साकार की जाएगी. प्रदेश में भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े स्थानों को विकसित करने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है. संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में अनेक स्थानों पर श्रीकृष्ण पर्व सम्पन्न हुए. श्रीकृष्ण मंदिरों की स्वच्छता और सुंदरता से कार्यक्रमों के आयोजन अनूठे बने. आम नगारिकों ने कार्यक्रमों में उत्साह से भागीदारी की.
मलखम्भ प्रदर्शन में किशोरों ने दिखाया कमाल
मुख्यमंत्री निवास में जन्माष्टमी कार्यक्रम में उज्जैन के डॉ. आशीष मेहता के निर्देशन में 10 किशोरों ने शानदार मलखम्भ प्रदर्शन किया. मोहन यादव ने मलखम्भ प्रदर्शन में शामिल किशोरों के प्रदर्शन की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए उन्हें अंगवस्त्र से सम्मानित किया. सभी उपस्थितों ने एक स्वर से मलखम्भ प्रदर्शन की सराहना की और कहा कि यह कमाल की प्रस्तुति थी.
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जन्माष्टमी पर्व बना विशेष
संस्कृति विभाग के सौजन्य से नृत्य, नृत्य नाटिका, गायन और वादन के अनेक कार्यक्रम हुए. बुंदेलखण्ड के आंचलिक लोक नृत्य बधाई के साथ ही मयूर नृत्य, मथुरा की फूलों की होली और माखन मटकी फोड़ कार्यक्रम हुए. कोलकाता के राज पारिक ने भक्ति गायन, मथुरा की सुश्री जया सक्सेना ने मयूर नृत्य एवं फूलों की होली कार्यक्रम प्रस्तुत किए. नृत्य नाटिका की प्रस्तुति इंदौर की हर्षिता शर्मा ने दी. बधाई नृत्य का निर्देशन अभिलाष चौबे ने किया. कार्यक्रम का संचालन कृतिका गुप्ता और विजय मनवाणी ने किया.