जापानी नोबेल पुरस्कार विजेता ताकाकी काजिता ने सोमवार (29 सितंबर) को पिछले एक दशक में ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) में भारत की लगातार बढ़त की सराहना की. उन्होंने इस बदलती गतिशीलता का श्रेय मोदी सरकार के फोकस और दूरदर्शिता को दिया.
जापानी भौतिक विज्ञानी और नोबेल पुरस्कार विजेता इस बात से सहमत थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण पिछले कुछ साल में रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) पर ध्यान और खर्च बढ़ा है. उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत-जापान सहयोग को गहरा करने पर मोदी सरकार के जोर का भी समर्थन किया.
ताकाकी काजिता उन 20 मशहूर जापानी वैज्ञानिकों में शामिल थे जिन्होंने रिसर्च और इनोवेशन के क्षेत्र में भारत-जापान संयुक्त साझेदारी को समर्थन देने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए. ताकाकी काजिता और 20 जापानी वैज्ञानिकों ने रिसर्च और इनोवेशन के क्षेत्र में भारत-जापान साझेदारी के प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान को मजबूत करने के लिए एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए.
भारत की तेज प्रगति से सीखना चाहिए’
जापान की राजधानी टोक्यो में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय और टोक्यो विश्वविद्यालय ने ‘भारत-जापान अगली पीढ़ी की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी साझेदारी: शैक्षणिक एवं अनुसंधान’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया था. इसमें भाग लेते हुए कहा ताकाकी काजिता ने कहा कि कि जापान को रिसर्च और इनोवेशन के क्षेत्र में भारत की तेज प्रगति से सीखना चाहिए.
‘जापान टेक्नॉलोजी का और भारत प्रतिभा का पावर हाऊस’
हाल ही में अपनी जापान यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगली पीढ़ी की तकनीकी क्रांति लाने के लिए भारतीय प्रतिभा और जापानी तकनीक के बीच संयुक्त सहयोग का आह्वान किया था. टोक्यो में जापान आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि जापान की टेक्नोलॉजी और भारत की प्रतिभा मिलकर इस सदी की तकनीकी क्रांति का नेतृत्व कर सकता. उन्होंने कहा था कि जापान टेक्नॉलोजी का और भारत प्रतिभा का पावर हाऊस है.
भारत की रैंकिंग
पिछले एक दशक में भारत ने ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) में तेजी से प्रगति की है. 2014 में भारत की रैंकिंग 91वें स्थान से बढ़कर 2025 में 38वें स्थान पर पहुंच गई है, जिससे दुनिया हैरान है और इसके बढ़ते कद पर ध्यान दे रही है. 2020 में GI इंडेक्स में भारत 48वें स्थान पर था.
कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए विश्वास जताया था कि भारत अगले तीन सालों में शीर्ष 10 में जगह बना लेगा. ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) की शुरुआत 2007 में हुई थी. जिसका मकसद अलग-अलग अर्थव्यवस्थाओं में इनोवेशन को आंकने के लिए मापदंड तैयार करना है.