जशपुर: मौसमी बीमारियों एवं महामारी से निपटने काम्बेक्ट टीम का किया गया है गठन…

बरसात का मौसम प्रारम्भ होते ही मौसमी बीमारियों एवं महामारी का खतरा बढ़ जाता है। इस खतरे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए कलेक्टर रोहित व्यास के निर्देश पर जिले में व्यापक तैयारी की गई है। इसके तहत जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में काम्बेक्ट टीम का गठन किया गया है। इन टीमों के दल प्रभारी संबंधित स्वास्थ्य संस्थाओं के प्रभारी अधिकारी बनाए गए हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने आमजन से अपील करते हुए मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए विशेष सतर्कता बरतने को कहा है। उन्होंने बताया कि इन बीमारियो से बचाव हेतु असुरक्षित जलस्त्रोत कुआ, ढोढ़ी, तालाब, नदी, नाला आदि का पानी पीने से बचें, पीने के पानी को हमेशा उबालकर ही उपयोग करें ,जलस्त्रोतों का नियमित रूप से शुद्धीकरण कराएं, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करें और जमीन पर न सोये, बासी खाना, सड़े गले भोज्य पदार्थों का सेवन ना करें ,खेतों पर काम पर जाते समय घर से स्वच्छ पानी लेकर जायें, अपने घरों के आसपार पानी जमा न होने दें और बाहर का खाना खाने से परहेज करें। इसके साथ ही सीएमएचओ ने लोगों से अपील की है  यदि कोई भी ग्राम, पारा या मोहल्ला में किसी भी प्रकार की बीमारी फैलने के लक्षण दिखें तो इसकी सूचना तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में दें, जिससे समय रहते बीमारीयों को रोका जा सके।

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बीमारियों से निपटने स्वास्थ्य अमला की पूरी है तैयारी

सीएमएचओ ने बताया कि महामारी की परिस्थिति से निपटने के लिए पूर्व वर्षों में अनुभवों के आधार पर महामारी संभावित ग्रामों एवं पहुंचविहीन ग्रामों की पहचान किया गया है। जिला में कुल 44 महामारी संभावित ग्राम एवं 24 पहुंचविहीन ग्राम है। बीमारियों से बचाव हेतु विशेष पिछड़ी जनजाति बसाहटों में विशेष स्वास्थ्य शिविर लगाने के निर्देश दिये गये है। जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति के कुल 71 बसाहट हैं, जिसमें 1244 परिवार निवासरत है, जिनकी  जनसंख्या 5311 है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जल जनित बीमारियों के रोकथाम हेतु 20375 कुंआ, 16870 हैण्डपम्प, 119 नलजल एवं 183 ढोढ़ी की पहचान की गई है, इन जलस्त्रोतों की नियमित जलशुद्धीकरण करने हेतु निर्देश भी दिए गए हैं। किसी भी प्रकार की बीमारियों के बढ़ने से रोकने के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में पर्याप्त दवाइयों का भण्डारण सुनिश्चित करने एवं जिले के 3633 मितानिनों और 1662 डिपोहोल्डर के पास भी पर्याप्त दवाइयों का भण्डारण करने के निर्देश दिए गए हैं।

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