छत्तीसगढ़ के जशपुर की बेटियां प्रदेश भर में जिले का नाम रोशन कर रही हैं. दरअसल, पिछड़ी जनजाति कोरवा समुदाय से आने वाली आकांक्षा रानी ने BCCI के अंडर 19 टी20 में जगह बनाई. इसके साथ ही इस ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया. आकांक्षा छत्तीसगढ़ के लिए अंडर-15 में BCCI ट्रॉफी खेल चुकी हैं.
आकांक्षा की मां भी प्री मैट्रिक गर्ल्स हॉस्टल, इचकेला की वार्डन हैं, आर्थिक तंगी के बावजूद भी वह अपनी बेटी ही नहीं हॉस्टल की छात्राओं को भी क्रिकेट के खेल में आगे बढ़ाना चाहती है. इसके लिए वह नि:शुल्क छात्राओं को इसकी कोचिंग के लिए खुद के रुपए से कोच हायर किया है. इसी का नतीजा है कि तीन बच्चियां अंडर 17 नेशनल क्रिकेट प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली हैं.
राष्ट्रीय स्तर पर तीन बालिकाओं का चयन
जशपुर जिले की बेटियां ना सिर्फ राज्य बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर जिले का परचम लहरा रही हैं. जशपुर की क्रिकेट खिलाड़ी तीन बालिकाओं का चयन नेशनल स्तर पर हुआ है. इससे जिले में हर्ष व्याप्त है. जिले की ये बालिकाएं नि:शुल्क कोचिंग जशपुर की हॉस्टल वार्डन की सहयोग पर ले रही हैं और जिला और प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं.
BCCI टी-20 ट्रॉफी में किया प्रतिनिधित्व
जशपुर जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा समुदाय से आने आकांक्षा रानी ने छत्तीसगढ़ के लिए अंडर-19 में बीसीसीआई ट्रॉफी खेल चुकी हैं. आकांक्षा रानी छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए अंडर-19 में BCCI टी-20 ट्रॉफी खेली. जिसमें आकांक्षा रानी ने छत्तीसगढ़ की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाए और शानदार प्रदर्शन किया.
छात्रावास की बेटियों को भी मौका
बता दें कि आकांक्षा रानी जशपुर जिले में संचालित प्री मैट्रिक बालिका छात्रावास इचकेला में पदस्थ छात्रावास अधीक्षिका पंडरी बाई की बेटी है. अधीक्षिका पंडरी बाई ने बताया कि उनकी बेटी आकांक्षा रानी जब छोटी थी तब उन्होंने उसकी रुचि क्रिकेट में देखी और उसे अच्छे स्तर पर कोचिंग दिलाई. इसी के चलते राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति हासिल की है. फिर जब उन्होंने अपने छात्रावास की बच्चियों की ओर देखा तो सभी में अपनी बेटी के समान ही छुपी प्रतिभा को पाया और ठान लिया की वो उन बच्चियों के लिए भी एक बेहतर भविष्य का निर्माण करेंगी.
अपने खर्च पर बच्चियों को नि:शुल्क कोचिंग
वार्डन ने जानकारी दी कि छात्राओं के लिए छात्रावास में ही अभ्यास करने के लिए क्रिकेट पिच का निर्माण करवाया. इसके साथ बच्चियों के लिए क्रिकेट सामग्रियां भी खरीदी. अपनी बेटी एवं उसके कोच के माध्यम से बच्चियों की भी ट्रेंनिग चालू कराई. इन बच्चियों को नि:शुल्क ट्रेनिंग दी गई, हालांकि कोच को वार्डन के द्वारा स्वयं के वेतन से भुगतान किया जाता है.
अंडर-17 में तीन छात्राओं का चयन
इसका परिणाम प्री मैट्रिक बालिका छात्रावास इचकेला की 3 बालिकाओं का चयन राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता में हुआ. अम्बिकापुर में आयोजित राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता 2024-25 महिला अंडर-17 में अच्छा प्रदर्शन किया. इसी के साथ ही रजत पदक भी हासिल किया. इसके बाद इनका चयन राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम के अंडर-17 दल में हो गया है. चयनित खिलाड़ियों में एंजल लकड़ा, झुमुर तिर्की और वर्षा बाई शामिल हैं. जो आगामी महिला अंडर-17 राष्ट्रीय क्रिकेट प्रतियोगिता 2024-25 में सम्मिलित होंगे.
भारतीय टीम में खेले हॉस्टल की बेटी
बता दें कि अधीक्षिका पंडरी बाई अपने स्वयं के खर्च पर खेल में लगने वाली राशि का निर्वहन कर रही हैं. उन्होंने कहा कि क्रिकेट खर्चालु गेम हैं. ऐसे में इन गरीब बच्चियों के पास पैसे नहीं होने से वे अपना सपना पूरा नहीं कर पाती. छात्राओं के सपने के आगे वार्डन पंडरी बाई ने अपनी आर्थिक तंगी भूल गई. वार्डन ने बच्चियों के लिए खेल सामग्री खरीदी. वे अपने खर्च पर पिछले तीन साल से क्रिकेट की कोचिंग करा रही हैं. उनका सपना है कि जल्द ही उनके छात्रावास की बच्चियां भारतीय टीम की महिला क्रिकेट टीम में खेलकर प्रदेश का गौरव बढ़ाएंगी.