कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें ना सिर्फ मरीज अपितु उनके परिजनों को भी गंभीर प्रताड़ना झेलनी पड़ती है. जहां मरीज को शारीरिक और मानसिक व्याधि का सामना करना पड़ता है तो परिजनों को ईलाज का खर्च और उसकी दौड़ धूप उन्हें थका देती है, उपर से महंगे इलाज के कारण पूरे घर को आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. जशपुर जिले में पहले कैंसर के मरीजों को ईलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ता था. किसी को कैंसर हो जाता तो उसके परिवार में मातम का माहौल हो जाया करता था. कैंसर के ईलाज निकटतम अम्बिकापुर, रांची या रायपुर में ही उपलब्ध हो पाता था. ऐसे में मरीजों को अपनी जीवनवृत्ति छोड़ कर इलाज के लिए दूर जगहों पर जाना पड़ता था. जिसे देखते हुए जिले में कैंसर के इलाज के लिए दीर्घायु वार्ड की शुरुआत जशपुर जिला मुख्यालय स्थित राजा देवशरण जिला चिकित्सालय में की गयी.
इस संबंध में जिला अस्पताल के कैंसर कीमोथेरेपी नोडल अधिकारी डॉ. लक्ष्मीकांत आपट ने बताया कि जिला अस्पताल में कैंसर पीड़ित मरीजों के लिए निःशुल्क उपचार की व्यवस्था दीर्घायु वार्ड के माध्यम से की जा रही है. जहां विभिन्न प्रकार के कैंसर के उपचार के लिए कीमोथेरेपी के साथ पैलिएटिव केयर की सुविधाएं दी जा रहीं हैं. इसके साथ ही यहां पर कैंसर की जांच हेतु बायोप्सी, सिटी स्कैन, सर्जरी की भी सुविधा उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि जशपुर के अलावा उड़ीसा, झारखंड, अम्बिकापुर सहित अन्य जगहों से भी कैंसर पीड़ित मरीज यहां अपना उपचार करने आते हैं. किसी भी व्यक्ति को शरीर में असामान्य गांठें महसूस हो तो उन्हें अवश्य रूप से जांच करानी चाहिए.
दीनदयाल की परेशानी में आशा की राह बना दीर्घायु वार्ड कांसाबेल के कैंसर पीड़ित मरीज दीनदयाल यादव ने बताया कि उन्हें सितंबर 2023 से कई शारीरिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. पहले जब जांच कराई तो हैड्रोसिल की समस्या का पहचान कर उसका ईलाज किया गया. पर शारीरिक व्याधि फिर भी बढ़ती रही पेट में सूजन हो गया. एक दिन वे घर पर काम करते हुए बेहोश हो गए तो 2-3 दिनों तक बेहोशी की हालत में कुनकुरी में इलाज चलता रहा. जहां बीमारी का ज्ञान ना होने पर अम्बिकापुर में भी जांच हुई तो चिकित्सकों ने मेडिकल कॉलेज रायपुर जाने की सलाह दी. जहां पर चिकित्सकों की जांच में किडनी का कैंसर होने की बात सामने आई. घर में राजमिस्त्री का कार्य कर पूरे घर की जिम्मेदारी अपने ऊपर उठाने वाले दीनदयाल की इस हालत से पूरे परिवार में डर का माहौल फैल गया था. लेकिन डॉक्टरों ने समझाया की उन्हें आर्थिक बोझ ना हो इसके लिए वे अपने जिले में ही इसका उपचार करा सकते हैं. जब वे जशपुर आये तो दीर्घायु वार्ड में उनका निःशुल्क उपचार आयुष्मान कार्ड योजना द्वारा शुरू हुआ. दीनदयाल का जहां बिस्तर से उठना बोलना भी दूभर हो गया था. अब धीरे-धीरे वह ठीक होने लगे हैं वे अब खुद उठ कर बैठने की अवस्था में आ गए हैं. इसके लिए दीनदयाल एवं उनकी पत्नी ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को भी धन्यवाद दिया.
अंजना को वक्ष के कैंसर में मिली राहत
जशपुर की बरटोली निवासी कैंसर पीड़ित अंजना भास्कर ने बताया कि दो वर्ष पूर्व उन्हें वक्ष स्थल पर कुछ असामान्य महसूस होने लगा. जिसपर उन्होंने स्थानीय चिकित्सकों से जांच कराई जिसपर चिकित्सकों ने उन्हें सही सलाह ना देते हुए इसे सामान्य गांठ बताया. जिसपर अंजना आश्वस्त हो गईं की उन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं है. परंतु दर्द उसके बाद भी बना रहा वे रात को सो भी नहीं पाती थीं तबियत बिगड़ती गयी. चिकित्सकों की सलाह पर अम्बिकापुर और रायपुर के निजी अस्पताल में जांच कराई जहां वक्ष कैंसर होने का भान हुआ.
जिसके बाद रायपुर में निजी अस्पताल के महंगे ईलाज को सोच कर दूसरों का वाहन चलाकर आजीविका चलाने वाले पति प्रताप भास्कर को उनका उपचार कठिन लगने लगा. तब उन्हें रिश्तेदारों द्वारा जशपुर में कैंसर का निःशुल्क ईलाज होना संभव बताया गया. तब उन्होंने रायपुर से तुरंत जशपुर आने का निर्णय लिया. जहां दीर्घायु वार्ड में चिकित्सकों के द्वारा दवाइयां एवं उपचार आयुष्मान योजना के तहत निःशुल्क प्रारम्भ किया गया. एक समय जहां अंजना अपने बिस्तर से उठना तक मुश्किल था अब वे चलकर अपना सारा काम स्वयं कर पा रहीं हैं. उन्होंने जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों और छत्तीसगढ़ शासन को अपने ईलाज के लिए धन्यवाद दिया.