मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्व सहायता समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के निर्देश दिए थे. जिसका सार्थक परिणाम भी देखने को मिल रहा है. जशपुर की दीदियां निरंतर लखपति दीदी बन रही है.
कलेक्टर रोहित व्यास और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिषेक कुमार ने मनोरा विकासखंड के स्व सहायता समूह की लखपति दीदियों से आजीविका मूलक गतिविधियों की जानकारी ली. मनोरा विकासखंड के उजाला स्व सहायता समूह की दीदी सोशन टोप्पो ने लखपति दीदी के सफर की जानकारी दी.
लखपति दीदी ने बताया कि समूह की 10 महिलाओं के साथ मिलकर ईंट निर्माण का कार्य 10 जनवरी 2025 से कर रही है. प्रतिदिन 3 से 4 हजार ईंट बना लेती है. जिसके विक्रय से समूह के महिलाओं को 5 हजार तक का लाभ हो जाता है और माह में 1 लाख से डेढ़ लाख तक की आमदनी हो जाती है. इसके साथ ही उजाला समूह की महिलाओं द्वारा मुर्गी पालन पोल्ट्री फार्म का संचालन और मिर्च उत्पादन भी करती है. कलेक्टर ने समूह की महिलाओं का उत्साह वर्धन किया और महिलाओं को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं.
इसी प्रकार मनोरा विकासखंड के लखपति दीदी सोनी ठाकुर ने कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को बताया कि उनके समूह का नाम सरस्वती स्व सहायता समूह है, जिसमें 10 महिलाएं कार्य कर रही हैं. उनके द्वारा मनोरा में श्रृंगार स्टोर का संचालन किया जा रहा है. इसके साथ ही उनके द्वारा बीसी सखी और ब्यूूटी पार्लर दुकान संचालित भी की जाती है. इन कार्यों से समूह को मासिक आय 15 हजार से 20 हजार हो जाता है.
मनोरा की ही लक्ष्मी मां स्व सहायता समूह की लखपति दीदी पिंकी सोनी ने बताया कि उनके समूह में 10 महिलाएं कार्य कर रही हैं, जहां महिलाओं सेन्टरिंग प्लेट इकाई का कार्य कर रही है. समूह ने 3 लाख बैंक लोन लेकर इस कार्य को शुरू किया अब समूह को इससे अच्छा मुनाफा भी हो रहा है. महिलाएं प्रतिमाह 15 हजार से 20 हजार कमा लेती है. मां जगदम्बे आजीविका स्व सहायता समूह मनोरा की 10 महिलाओं द्वारा केंटीन संचालन का कार्य कर रही है. समूह की महिला अनीता बाई ने बताया कि बैक से 1 लाख रुपए लोन लेकर केंटीन शुरू किया गया है. जिसमें महिलाओं को अच्छी आमदनी हो रही है. इस अवसर पर मनोरा जनपद सीईओ रघुनाथ राम और अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे.