खरीफ फसल की बुआई शुरू हो गई है. किसान अपनी खेती कार्य में व्यस्त हो गए हैं. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर राज्य सरकार किसानों को खेती कार्य में संसाधनों के अभाव में किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो इसके लिए प्राथमिक सहकारी समितियों के माध्यम से खाद और बीच प्राथमिकता के साथ उपलब्ध करा रही है. इसके अलावा अल्पकालिन ऋण की सुविधा मुहैया करा रही है, ताकि किसान वर्ग निश्चिंत होकर खेती कर सके.
राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में लिए गए निर्णय की वजह से उनमें खेती के लिए अलग ही उत्साह भी नजर आ रहा है. धान प्रति क्विंटल 3100 रूपए और प्रति एकड़ 21 क्विंटल की खरीदी ने किसानों में एक उमंग भर दिया है. अभी हाल में केबिनेट बैठक में किसानों के हित मे लिए गए एक बड़े निर्णय धान उत्पादक किसानों के साथ-साथ पंजीकृत धान फसल के स्थान पर अब दलहन, तिलहन, मक्का आदि के फसल लगाने वाले किसानों को कृषक उन्नति योजना का लाभ मिलेगा, इसका किसानों ने स्वागत करते हुए कहा कि इस निर्णय से छत्तीसगढ़ में खेती का दायरा बढ़ेगा और किसान समृद्ध होंगे.
सहकारिता विभाग जिला जशपुर से मिली जानकारी के अनुसार इस बार रासायनिक खाद के उठाव मे 16.13 प्रतिशत की वृद्धि हुई हैं. जहां विगत वर्ष जून के अंत तक जहां 7566.100 टन उर्वरकों का वितरण हुआ था, वहीं इस वर्ष जून के अंत तक 8786.190 टन उर्वरक का वितरण किया जा चुका है. इसी प्रकार अल्पकालिक ऋण वितरण में भी 8.62 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. जहां विगत वर्ष जून अंत तक 34.68 करोड़ रूपयों का अल्पकालिक ऋण किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से दिया गया था. वहीं इस वर्ष जून अंत तक 37.67 करोड़ रूपयों का ऋण कृषकों द्वारा लिया गया हैं, जिसमे कुल 2.99 करोड़ रूपयों की वृद्धि हुई है.
किसान क्रेडिट कार्ड के महत्व की जानकारी होते ही इसके माध्यम से किसानों द्वारा फसल बीजों के वितरण में भी 79.55 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. केसीसी के माध्यम से विगत वर्ष जून के अंत तक जहां ऋण के माध्यम से 1332.21 क्विंटल बीजों का वितरण किया गया था, वहीं इस वर्ष जून तक 2392.46 क्विंटल धान बीज का वितरण किया जा चुका है.