जिले की पोषण महिला कार्यकर्ता ललिता नाग एवं किनकेल सरपंच सुंदर लाल साय को शुक्रवार को दिल्ली में फोर्सेस द्वारा अंतरराष्ट्रीय देखभाल और सहायता दिवस 2024 के अवसर पर भारत के बाल देखभाल श्रमिकों का जश्न मनाने के अवसर पर चाइल्ड केयर चैंपियंस अवॉर्ड 2024 से सम्मानित किया गया.
जिला प्रशासन और एकजुट संस्था के माध्यम से जशपुर जिले में लइका घर का बेहतर संचालन किया जा रहा है. जिले के जशपुर विकासखंड में 40 लइका घर संचालित किया जा रहा है और 80 केयर टेकर बच्चों की देखभाल कर रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि एकजुट भारत में एक गैर-लाभकारी/सरकारी स्वैच्छिक संगठन है जो छत्तीसगढ़ में जशपुर एवं धरमजयगढ़ प्रखंड में बच्चों के कुपोषण की रोकथाम पर कार्य कर रहा है.
दोनों को एकजुट संगठन द्वारा नामित किया गया था. वर्तमान में यह संगठन कई राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, बिहार, राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में 500 से अधिक क्रेच/लाइका घर चला रहा है, जिसमें लगभग 10,000 छोटे बच्चे शामिल हैं. जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले, विभिन्न राज्यों से नामांकित व्यक्ति थे, जिनमें पंचायतीराज संस्थाओं के सदस्य भी शामिल थे. जिन्होंने बच्चों के लिए कुछ अच्छे काम किए हैं और पूरे भारत में सभी नामित कार्यकर्ता थे. 8 पुरस्कार विजेताओं में से 4 विजेता एकजुट से थे.
एकजुट के क्रेच मॉडल में संपूर्ण डे केयर सेवाओं का संग्रह है. जिसमें संरक्षित वातावरण, स्वच्छ पेयजल, गर्म पका हुआ भोजन और हस्तनिर्मित खिलौनों का उपयोग करके इंटरैक्टिव गेम जैसी सुविधाएं शामिल हैं. काम का यह व्यापक चक्र प्रारंभिक बाल्यावस्था विकास एवं देखभाल, वृद्धि निगरानी, बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और महिलाओं के सशक्तीकरण को सुनिश्चित करता है. एकजुट 22 वर्षों से काम के लिए प्रतिबद्ध है.
बच्चों की देखभाल में दोनों की भूमिका सराहनीय
ललिता नाग जशपुर से नीमगांव के लाइका घर में कार्यरत है और एकजुट संस्था से जुड़कर 6 महीनों से तीन साल के बीच के छोटे बच्चों की देखभाल और सहायता में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है.
सुंदरलाल साय किनकेल सरपंच जशपुर से हैं जो उनके पंचायत अंतर्गत चल रहे लाइका घर केरे और किनकेल गांव में महत्पूर्ण योगदान प्रदान करते आ रहे हैं.
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