बीजेपी नेता पुष्पेन्द्र धाकरे ने बताया कि उनके चाचा अवनेन्द्र सिंह, जो 30 वर्ष पहले सीआरपीएफ में कांस्टेबल के रूप में भर्ती हुए थे, 17 दिसंबर को घर के निर्माण कार्य को देखने के लिए छुट्टी पर आए थे. 23 दिसंबर को उन्हें लौटना था, लेकिन 22 दिसंबर को अचानक उन्हें सीने में दर्द हुआ और परिवार ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
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मृतक के निधन पर सीआरपीएफ की कंपनी 95 से असिस्टेंट कमांडेंट विनोद कुमार और इंस्पेक्टर अजय चंद्रा की अगुवाई में 15 जवानों ने श्रद्धांजलि अर्पित की और सलामी देकर अंतिम विदाई दी.
अवनेंद्र सिंह के परिवार में उनकी पत्नी पूनम देवी, दो पुत्रियां मुस्कान (22 वर्ष) और खुशबू (18 वर्ष), और भाई चतुर सिंह, वीरेन्द्र सिंह, रविन्द्र सिंह हैं. अंतिम संस्कार के समय उनकी बड़ी बेटी मुस्कान ने पिता को मुखाग्नि दी, और दोनों बेटियों ने अपने पिता के पार्थिव शरीर को कंधा देकर अंतिम विदाई दी.
अवनेंद्र सिंह का निधन उनके परिवार और पूरे गांव के लिए अपूरणीय क्षति है, और अंतिम संस्कार के दौरान श्रद्धांजलि देने के लिए गांव के लोगों की बड़ी संख्या पहुंची.