जसवंतनगर/इटावा – जसवंतनगर क्षेत्र के दुर्गापुरा गाँव में बीती रात एक किसान के खेत में बनी झोपड़ी में भीषण आग लगने से हज़ारों रुपये का भारी नुक़सान हो गया। इस हृदयविदारक घटना में किसान देवेंद्र सिंह का पूरा घरेलू सामान, कपड़े, बिस्तर, और खेती से जुड़ी महत्वपूर्ण सामग्री जलकर राख हो गई, जिससे उनका परिवार बेघर हो गया है.आग किन कारणों से लगी, इसका अभी तक सटीक पता नहीं चल पाया है, लेकिन इस अग्निकांड ने किसान के सामने गहरा आर्थिक संकट खड़ा कर दिया है.
आग ने लील ली किसान की पूरी गृहस्थी
यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना मोहल्ला लुधपुरा के निवासी किसान देवेंद्र सिंह पुत्र चतुरी लाल के साथ घटी, जिनकी खेत दुर्गापुरा गाँव में है.देवेंद्र सिंह ने बताया कि मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात, लगभग 10 बजे, अचानक उनकी झोपड़ी में आग लग गई। आग इतनी तेज़ी से फैली कि जब तक वे और आस-पास के ग्रामीण मदद के लिए पहुँच पाते और आग पर क़ाबू पाने की कोशिश करते, तब तक सब कुछ ख़त्म हो चुका था.झोपड़ी के भीतर रखा एक-एक सामान, जो उनके परिवार के गुज़ारे का आधार था, आग की लपटों में समा गया.
कपड़े, बिस्तर से लेकर कृषि दवाएँ तक खाक
देवेंद्र सिंह ने जले हुए अवशेषों की ओर इशारा करते हुए बताया कि आग में उनके सभी कपड़े, बच्चों के बिस्तर, चारपाई, और सिर पर ढकने के लिए इस्तेमाल होने वाला तिरपाल भी पूरी तरह से जल गया.इसके अलावा, खेत में बोने के लिए रखा कुछ गेहूं और सबसे महत्वपूर्ण, फसल को कीटों से बचाने वाली कीटनाशक कृषि दवाएँ भी आग की भेंट चढ़ गईं। किसान का कहना है कि इस अग्निकांड में उन्हें हज़ारों रुपये का सीधा नुक़सान हुआ है, जिसकी भरपाई उनके जैसे छोटे किसान के लिए लगभग असंभव है.
इस घटना ने उनके परिवार के सामने एक बड़ा आर्थिक संकट खड़ा कर दिया है, क्योंकि उनकी पूरी जमा-पूंजी और रोज़मर्रा की ज़रूरत की चीज़ें एक ही रात में नष्ट हो गईं.
किसान ने लगाई मुआवज़े की गुहार
इस विपत्ति के बाद देवेंद्र सिंह ने स्थानीय थाना पहुंचकर घटना की लिखित शिकायत दर्ज कराई है.उन्होंने प्रशासन से तत्काल आर्थिक सहायता और मुआवज़े की मांग की है ताकि उनका परिवार इस कठिन समय से उबर सके। देवेंद्र सिंह ने अपनी आपबीती सुनाते हुए भावुक स्वर में कहा, “आग ने मेरी पूरी मेहनत, मेरे परिवार की उम्मीदें और हमारी सारी ज़रूरी वस्तुएं जला दीं.अब समझ नहीं आ रहा कि गुज़ारा कैसे होगा.मुझे सरकार से बस सहायता की उम्मीद है.” घटना की सूचना मिलते ही गाँव के कई लोग मौके पर पहुंचे और किसान को ढांढस बंधाया। ग्रामीणों ने भी प्रशासन से जल्द से जल्द पीड़ित किसान को मदद पहुंचाने की अपील की है, ताकि वे इस सदमे से उबरकर अपने जीवन को फिर से पटरी पर ला सकें.