इटावा के जसवंतनगर क्षेत्र में 20 दिन पहले हुए डंपर चालक मुन्नूलाल हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने जमीन की रंजिश के चलते हत्या की बात स्वीकार की है. हालांकि, वारदात में शामिल तीन अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं.
यह मामला 22 मार्च को सामने आया था, जब आगरा-कानपुर हाईवे पर सरायभूपत-गांव नगला रामफल के पास एक डंपर चालक का खून से लथपथ शव बरामद हुआ था. मृतक की पहचान मैनपुरी जिले के थाना करहल अंतर्गत कुरा गांव निवासी मुन्नूलाल के रूप में हुई थी. वारदात के बाद से ही पुलिस हमलावरों की तलाश में जुटी थी.
गुरुवार को जसवंतनगर थाने के प्रभारी निरीक्षक रामसहाय सिंह के नेतृत्व में एक पुलिस टीम ने उपनिरीक्षक प्रशांत कुमार और मनीष कुमार के साथ मिलकर मैनपुरी के थाना कुर्रा क्षेत्र के सलेमपुर निवासी बंटू को सैफई रोड से गिरफ्तार किया. पूछताछ के दौरान बंटू ने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि उसने अपने साथियों—राजेश उर्फ सिंद, गौरव और ब्रजेंद्र पाल—के साथ मिलकर हत्या को अंजाम दिया था. ये तीनों आरोपी भी मैनपुरी के नगला धीर गांव के निवासी हैं और फिलहाल फरार हैं.
हत्या की वजह जमीन से जुड़ा पुराना विवाद बताया गया है। पुलिस के अनुसार, मृतक मुन्नूलाल, आरोपी बंटू के पिता मिलाप सिंह और गांव के ही सुरजन सिंह के बीच चल रहे जमीन विवाद में सुरजन सिंह का पक्ष ले रहा था. मुन्नूलाल ने सुरजन सिंह के समर्थन में गवाही भी दी थी, जिससे बंटू नाराज़ था और उसने अपने साथियों के साथ मिलकर मुन्नूलाल को गोली मार दी.
गिरफ्तार आरोपी बंटू को न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। वहीं, मृतक की पत्नी नीतेश ने 7 अप्रैल को एसएसपी संजय वर्मा को नामजद आरोपियों के खिलाफ शिकायत पत्र सौंपकर न्याय की गुहार लगाई थी. एसएसपी के निर्देश पर पुलिस की कई टीमें आरोपियों की गिरफ्तारी में लगी हैं.
पुलिस अब आरोपियों की कॉल डिटेल्स खंगाल रही है और उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है. पुलिस का कहना है कि जल्द ही अन्य फरार आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा और इस जघन्य अपराध में शामिल सभी दोषियों को कानून के कठघरे में खड़ा किया जाएगा.
इस हत्याकांड ने इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया था, लेकिन पुलिस की कार्रवाई से अब पीड़ित परिवार को थोड़ी राहत मिली है, हालांकि न्याय की उम्मीद अभी बाकी है.