जसवंतनगर/इटावा: मुख्यमंत्री के निर्देश पर नगर पालिका परिषद जसवंतनगर की शिकायतों पर जांच शुरू हो गई है. शनिवार देर शाम सिटी मजिस्ट्रेट राजेंद्र प्रसाद जांच टीम के साथ जसवंतनगर पहुंचे और अधिशासी अधिकारी व पालिका स्टाफ से अभिलेखों की जानकारी ली. पत्रावलियों का अवलोकन भी किया गया. जांच की कार्यवाही शुरू होते ही नगर पालिका में हड़कंप मच गया.
जांच मुख्य रूप से दो शिकायतों पर केंद्रित है. पहली शिकायत पंडित दीनदयाल उपाध्याय आदर्श नगर कायाकल्प योजना में हुई कथित वित्तीय अनियमितताओं की है. सभासद राजीव कुमार यादव ने आरोप लगाया है कि सप्लाई से पहले ही आपूर्तिकर्ता फर्म को 1.32 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया. विद्युत उपकरण व अन्य वस्तुएं बाजार मूल्य से कई गुना अधिक दरों पर खरीदी गईं. योजना के लिए बनाए गए एस्टीमेट भी अव्यवहारिक और बढ़े हुए थे। इतना ही नहीं, भुगतान के बावजूद योजना धरातल पर कहीं दिखाई नहीं दे रही है. यहां तक कि नगर में डिवाइडर पोल तक नहीं लगाए गए.
दूसरी शिकायत में नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पर भाई-भतीजावाद का आरोप है. शिकायत में कहा गया है कि अध्यक्ष ने आउटसोर्सिंग ठेका के माध्यम से अपने भाइयों और करीबी रिश्तेदारों को नियमविरुद्ध नियुक्त कराया. इनका वेतन पालिका से नियमित आहरित होता है जबकि इनमें से कई लोग वास्तव में दिल्ली व अन्य स्थानों पर रहते हैं. यह कृत्य न केवल नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 82 का उल्लंघन है बल्कि राजस्व को भी भारी क्षति पहुंचाता है. शिकायतकर्ता ने मांग की है कि अध्यक्ष के वित्तीय अधिकार सीज कर उन्हें पद से बर्खास्त किया जाए.
मुख्यमंत्री को सीधे शिकायत मिलने के बाद अब कार्रवाई शुरू हुई
जांच दल में सिटी मजिस्ट्रेट के साथ एसडीएम जसवंतनगर कुमार सत्यमजीत और पीडब्ल्यूडी अभियंता शीशपाल सिंह भी मौजूद रहे. विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, पालिका अध्यक्ष एक सप्ताह से नगर में नहीं हैं और संभवतः विदेश यात्रा पर गए हैं. इधर नागरिकों में चर्चा है कि इससे पहले पालिका की शिकायतें अधिकारियों द्वारा दबा दी गई थीं, किंतु मुख्यमंत्री को सीधे शिकायत मिलने के बाद अब कार्रवाई शुरू हुई है. कुछ नागरिक लंबित शिकायतों को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में भी हैं.