उत्तर प्रदेश के जौनपुर में कागजों पर सड़क बनाकर 26.58 लाख रुपए भुगतान किए जाने का मामला सामने आया. इसके बाद सपा विधायक ने शिकायत की. उन्होंने PWD विभाग की ओर से बनाई गई सड़क और बिना काम कराए ही भुगतान के मामले में दोषियों पर कार्रवाई के बाबत जब जौनपुर के जिलाधिकारी से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि PWD में लाखों में नहीं करोड़ों में काम होते हैं. ऐसे में सड़क न बनाकर 25 से 30 लाख रुपये के भुगतान का मामला बहुत छोटा है. इस छोटे मामले को तूल देकर सरकार या जिले की छवि खराब नहीं करनी चाहिए.
दरअसल, मुंगराबादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक पटेल ने वित्तीय वर्ष 2023- 24 में PWD को सुजानगंज ब्लॉक के 2300 मीटर लंबे शिव रिहा संपर्क मार्ग के निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा था. विधायक के प्रस्ताव पर विभाग ने सड़क की स्वीकृति देते हुए इसका टेंडर भी एक ठेकेदार को दे दिया था. 26.58 लाख रुपये की लागत से बनाई जाने वाली इस सड़क को PWD विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदार ने मिलकर कागजों पर बना डाली. कागजों पर सड़क कंप्लीट करके उसका भुगतान भी कर दिया गया, जबकि हकीकत में सड़क बनी ही नहीं.
इस तरह से खुली भ्रष्टाचार की पोल
ग्रामीणों ने बताया कि साल 2013 के बाद इस सड़क की कभी मरम्मत नहीं हुई. टूटकर एकदम में गड्ढों में तब्दील हो गई थी. उनके द्वारा जब जर्जर शिव रिहा संपर्क मार्ग को लेकर विधायक पंकज पटेल से उसे बनवाने के लिए कहा जाने लगा तो विधायक ने बताया कि विभाग की ओर से सड़क का टेंडर तो उनके प्रस्ताव पर स्वीकृत करते हुए काफी पहले कराया जा चुका है. सड़क बन भी गई होगी, लेकिन जब विधायक ने ग्रामीणों के साथ जाकर देखा तो सड़क सिर्फ कागज पर बनाकर तैयार कर दी गई थी. उस पर गाड़िया फर्राटे भी भर रही थीं. लाखों का टेंडर देकर ठेकेदार की ओर से कागजों पर चमचमाती सड़क बनवाने के बाद जौनपुर के अधिकारियों ने उसका भुगतान भी कर दिया था.
शिकायत के बाद बनाई गई सड़क
सपा विधायक पंकज पटेल के प्रस्ताव पर जब सड़क की स्वीकृति करके उसे कागजों पर बनाकर उसका बाकायदा भुगतान करा दिया गया, लेकिन सड़क बनी ही नहीं तो उन्होंने डीएम और PWD सचिव से इसकी शिकायत की. विभाग ने जब इसकी जांच कर रिपोर्ट मांगी तो भ्रष्टाचार की कलई खुल गई. इसके बाद विधायक ग्रामीणों के साथ सड़क को लेकर हंगामा करने लगे. भ्रष्टाचार की पोल खुलने के बाद अपनी छीछालेदर बचाने के लिए आनन फानन में PWD विभाग़ के अधिकारियों और ठेकेदार ने मिलकर किसी तरह सड़क बनाई.
बिना सड़क बनाए ही कागजों पर ऑल इज वेल दिखाकर 26.58 लाख रुपये का भुगतान किए जाने के मामले में जौनपुर के जिलाधिकारी दिनेश चंद्र सिंह ने खुद स्वीकार किया कि इस मामले में गलती जरूर हुई है, लेकिन इसमें जूनियर इंजीनियर समेत 3 लोगों पर कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई है. जौनपुर के जिलाधिकारी ने इतनी बड़ी गलती को सिर्फ स्वीकार की बल्कि, इसे बहुत छोटी से चूक बताते हुए कहा कि PWD लाखों में नहीं करोड़ों में काम करती है. ऐसे में ये केवल 25 से 30 लाख रुपये के बीच का बहुत छोटा सा मामला है. गलती जरूर हुई है, लेकिन ये छोटी सी चूक है.
जिलाधिकारी ने बताई छोटी सी चूक
जौनपुर के जिलाधिकारी ने आगे कहा कि इसलिए छोटी सी चूक में सरकार की या जिले की आलोचना नहीं होनी चाहिए. ये सरकार चाहती है कि इस सड़क पर काम हो, लेकिन कुछ लोग मुद्दा बनाकर सरकार की छवि प्रभावित करना चाहते हैं. सड़क को अब बनवा दिया गया है. हालांकि, इस पूरे मामले पर सपा विधायक पंकज पटेल का आरोप है कि ऐसे सिर्फ एक सड़क नहीं है. बल्कि, 50 से ज्यादा सड़कें हैं, जहां काम किए बगैर कागजों पर भुगतान कर दिया गया है. निष्पक्षता से जांच कराई जाए तो और भी मामले उजागर होंगे. इस सरकार में जीरो टॉलरेंस के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार और लूट मची हुई है.