केंद्रीय संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया. इस दौरान विपक्ष ने इस बिल का विरोध करते हुए जमकर हंगामा किया. कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने वक्फ बिल पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ये संविधान से मिले धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है. हालांकि उनकी आपत्ति को केंद्रीय मंत्री और जेडीयू नेता ललन सिंह ने सिरे से खारिज कर दिया.
केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘यह बिल फंडामेंटल राइट्स पर हमला है. उन्होंने सवाल किया कि क्या अयोध्या के मंदिर में कोई नॉन हिंदू है? क्या किसी मंदिर की कमेटी में किसी गैर हिंदू को रखा गया है? वेणुगोपाल ने कहा कि वक्फ भी एक धार्मिक संस्था है. ये समाज को बांटने की कोशिश है.’
जेडीयू नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने विपक्ष के तमाम आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा, ‘कई माननीय सदस्यों की बात सुनी. JDU यहां एक पार्टी है. कई माननीय सदस्यों की बात सुनने से ऐसा लग रहा है जैसा ये संशोधन लाया गया है वक्फ बोर्ड के कानून में मुसलमान विरोधी है. कहां से मुस्लिम विरोधी है? कौन इसे मुसलमान विरोधी बताता है? यहां उदाहरण दिया जा रहा है कि अयोध्या का मंदिर, गुरुद्वारा…. अरे मंदिर और संस्था में आपको अंतर नजर नहीं आता है तो आप कौन सा तर्क दे रहे हैं. ये मंदिर नहीं है, आपकी मस्जिद से छेड़छाड़ करने का प्रयास नहीं किया जा रहा है.’
वक्फ बोर्ड कानून से बनी हुई संस्था है और कानून से बनी हुई कोई भी संस्था अगर निरंकुश होगी, तो उसमें पारदर्शिता लाने का सरकार को हक है।
इसलिए वक्फ संशोधन विधेयक-2024 को आना चाहिए ताकि वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता आए।#JDU #NDA #waqfboard #LokSabha pic.twitter.com/d7TSqEudMT
— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) August 8, 2024
ललन सिंह ने कहा, ‘यह एक कानून से बंधी हुई संस्था है.उस संस्था को पारदर्शी बनाने के लिए कानून बनाया जा रहा है. पारदर्शिता होनी चाहिए. वक्फ बोर्ड कैसे बना, किसी कानून से बना है ना.कोई भी संस्था जो कानून से बंधी हुई है, अगर वो निरंकुश होगा तो उसमें पारदर्शिता लाने के लिए सरकार को हक उसके लिए कानून बनाने का.. ये अब उसकी तुलना मंदिर से कर रहे हैं. मंदिर से उसका क्या तात्पर्य है. कोई धार्मिक बंटवारा नहीं हो रहा है ये भ्रम फैला रहे हैं.’
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल की आलोचना करते हुए ललन सिंह ने कहा, ‘केसी वेणुगोपाल अल्पसंख्यकों की बात करते हैं, इस देश में हजारों सिखों को मारने का काम किसने किया था, आपने की थी, आपकी पार्टी ने की थी. हम उसके गवाह हैं. हजारों सिख समुदाय की सड़कों पर घूम-घूमकर हत्या की गई थी और अल्पसंख्यकों के हितों की दुहाई दे रहे हैं, वाह से वाह! इसलिए इस बिल को आना चाहिए, संस्था में पारदर्शिता आनी चाहिए. कोई भी संस्था पारदर्शी तरीके से काम करे ये ही मेरा आपसे आग्रह है.’
NDA की सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के जीएम हरीश ने बिल का समर्थन करते हुए कहा, ‘TDP वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करती है. सुधार लाना और उद्देश्य को सुव्यवस्थित करना सरकार की जिम्मेदारी है. हम विधेयक का समर्थन करते हैं. हमें इसे सलेक्ट कमेटी को भेजने में कोई समस्या नहीं है.’
वहीं एनडीए की सहयोगी चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि वक्फ बिल स्थायी समिति के पास जाए, सभी हितधारकों को समिति में परामर्श करने दें, बिल में कुछ भी गलत नहीं है और यह मुसलमानों के खिलाफ नहीं है. लेकिन फिर भी बेहतर होगा कि संसद की समिति इस पर बारीकी से विचार करे.’