झालावाड़: के पीपलोदी गांव में हुए स्कूल हादसे के बाद जिला अस्पताल में हुए हंगामे और राजकार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में आरोपी नरेश मीणा को झालावाड़ जिला एवं सेशन न्यायालय ने एक बार फिर से बड़ा झटका दिया है. मंगलवार को अदालत ने नरेश मीणा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया, जिससे अब उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में ही रहना पड़ेगा.
मामले में जानकारी देते हुए सेशन न्यायालय के लोक अभियोजक नरेंद्र तोमर ने बताया कि पीपलोदी स्कूल हादसे के बाद नरेश मीणा तथा उसके साथियों के द्वारा जिला अस्पताल में हंगामा तथा राज कार्य में बाधा उत्पन्न की गई थी.
इस मामले को लेकर सेशन न्यायालय ने मंगलवार को नरेश मीणा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है, न्यायाधीश ने अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि आरोपी पर इससे पहले समान प्रकृति के कई मामले दर्ज हैं, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सामान प्रकृति के मामले दर्ज होने पर आरोपी को जमानत देने से पहले न्यायालय को विचार करना चाहिए.
ऐसे में अब उनके समर्थकों की निगाह हाईकोर्ट पर जाकर टिक गई है. इससे पहले नरेश मीणा के सह आरोपी रहे जयप्रकाश और मुरारी को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है.
यह था मामला
झालावाड़ के पीपलोदी में स्कूल की इमारत गिरने के बाद घायल बच्चों का झालावाड़ के अस्पताल में उपचार किया जा रहा था. जहां कथित रूप से नरेश मीणा और उनके साथियों ने जिला अस्पताल में हंगामा किया और साथ ही उन पर सरकारी कार्य में बाधा डालने के गंभीर आरोप भी लगे हैं. मामले की शिकायत जिला अस्पताल के डीन और अधीक्षक द्वारा दर्ज कराई गई थी.
प्राथमिकी में नरेश मीणा सहित जयप्रकाश, मुरारी, गोलू मीणा और प्रदीप के नाम शामिल किए गए थे. इसके बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था.