झालावाड़: एसडीएम थप्पड़ कांड के बाद झालावाड़ अस्पताल में प्रदर्शन और स्टाफ से हाथापाई के तथाकथित आरोपों में उलझे नरेश मीणा को आखिरकार एक महीना 10 दिन जेल में बिताने के बाद रिहाई मिल ही गई.
जेल से बाहर निकलने के बाद नरेश मीणा ने अपने चित्र परिचित अंदाज में आक्रामक तेवर रखते हुए विरोधियों पर जमकर निशाना साधा. नरेश मीणा ने कहा कि उन्हें एक महीने 10 दिन बाद हाईकोर्ट ने सशस्त्र जमानत दी है जिसका वह पूरा सम्मान करेंगे और नियमों की पालना करेंगे. नरेश मीणा ने कहा कि उन पर झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के दिन काम में बाधा उत्पन्न करने और मारपीट तथा हाथापाई के आरोप लगाए थे.
जबकि वहां मौजूद प्रत्येक व्यक्ति यह अच्छी तरह जानता है कि वहां प्रदर्शन और आंदोलन पहले से चल रहा था, जिसमें पहुंचने के बाद वह सिर्फ शिरकत कर रहे थे तथा उनकी तरफ से कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाया गया जो किसी के लिए परेशानी खड़ी करें. नरेश मीणा ने आरोप लगाया कि पहले उन्हें धारा 151 में पाबंद किया गया और उसके बाद अगले दिन अन्य धाराएं लगाकर फिर से गिरफ्तार कर लिया गया.
षड्यंत्रकारियों से हिसाब करेंगे
नरेश मीणा में कहा थी उनके द्वारा पीपलोदी हादसे का शिकार दलित और आदिवासी तबके के लोगों के लिए मुआवजे और इंसाफ की मांग की जा रही थी, उनके द्वारा कोई भी गलत कदम नहीं उठाया गया फिर भी उन्हें एक षड्यंत्रकारी के दबाव में उनको जबरन फंसाया गया. उन्होंने कहा कि समय आने पर उस षड्यंत्रकारी का भी हिसाब बराबर किया जाएगा.
कम से कम 50 लाख मुआवजा मिले
नरेश मीणा ने कहा कि उनके द्वारा पीपलोदी हादसे के मृतकों के लिए एक करोड़ रुपए की मांग की गई थी और वह अपनी उस मांग पर अभी भी कायम है. उन्होंने कहा कि जब सांप्रदायिक दंगों में मरने वालों को करोड़ों मुआवजा दिया जाता है, विमान हादसे में मरने वाले धनाढ्य के लोगों को करोड़ों में मुआवजा दिया जाता है तो फिर संस्थागत भ्रष्टाचार की वजह से स्कूल में जान गवाने वाले बच्चों को क्यों नहीं दिया गया.
साथियों ने कहा तो अंता का चुनाव लड़ेंगे
अंता विधानसभा सीट पर आने वाले दिनों में होने वाले चुनाव को लेकर नरेश मीणा ने कहा कि अभी वह अपने साथियों से विचार विमर्श करेंगे तथा इलाके में सर्वे करवाएंगे उसके बाद यदि समर्थकों ने इजाजत दी तो वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. पार्टी के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह फिलहाल निर्दलीय हैं और निर्दलीय ही मैदान में उतरेंगे.