झारखंड शराब घोटाला मामले में ACB की कार्रवाई अब तेज हो गई है। सोमवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने छत्तीसगढ़ के श्री ओम साईं बेवरेजेस प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर अतुल कुमार सिंह और मुकेश मनचंदा को गिरफ्तार किया है।
दोनों आरोपी छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं और इन्हें ACB ने पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन जब उनके जवाब संतोषजनक नहीं मिले, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
छत्तीसगढ़ से जुड़े हैं घोटाले के तार
जांच में सामने आया है कि झारखंड में भी छत्तीसगढ़ की तर्ज पर शराब घोटाला किया गया। विधु गुप्ता की एजेंसी के जरिए झारखंड स्टेट बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के टेंडर में फर्जी मैनपावर तैनात की गई। कर्मचारियों के सैलरी को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया और फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी पैसे का गबन किया गया।
10 लोग अब तक हो चुके हैं गिरफ्तार
इस बहुचर्चित घोटाले में अब तक कुल 10 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इससे पहले 2 जुलाई को प्रिज्म होलोग्राफी कंपनी के एमडी विधु गुप्ता को 20 मई को उत्पाद विभाग के पूर्व सचिव विनय चौबे को गिरफ्तार किया गया था।
बता दें कि विधु गुप्ता छत्तीसगढ़ में शराब में लगने वाले होलोग्राम की सप्लाई करता था, लेकिन छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में शामिल होकर उसकी कंपनी ने नकली होलोग्राम की सप्लाई की और छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले को अंजाम दिया।
छत्तीसगढ़ कनेक्शन उसी मॉडल पर हुआ झारखंड में घोटाला
जांच में खुलासा हुआ है कि झारखंड में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर ही शराब घोटाला किया गया। विधु गुप्ता की एजेंसी ने झारखंड स्टेट बेवरेजेस कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के टेंडर में फर्जी मैनपावर दिखाया। वेतन दावों को फर्जी तरीके से बढ़ाकर पेश किया गया। फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकार को करोड़ों की चपत लगाई।
अहम कड़ी हैं अतुल सिंह और मुकेश मनचंदा
ACB के अनुसार, विधु गुप्ता का नेटवर्क कई राज्यों में फैला है, जो ठेकेदारों, अफसरों और सप्लायर्स को प्रभावित करता था। वहीं छत्तीसगढ़ के 2 शराब कारोबारी अतुल सिंह और मुकेश मनचंदा इस नेटवर्क की महत्वपूर्ण कड़ी हैं। फिलहाल झारखंड ACB की टीम इन्हें रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ करने जा रही है।
ACB की पूछताछ से खुल सकते हैं और नाम
अतुल सिंह और मुकेश मनचंदा की गिरफ्तारी के बाद ये माना जा रहा है कि घोटाले में शामिल सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों के नए नाम सामने आने की आ सकते हैं। खासकर छत्तीसगढ़ से जुड़े कारोबारियों और एजेंसियों और अफसरों के इस मामले में मुश्किलें बढ़ सकती है।