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झारखंड: धर्म परिवर्तन करने वालों को न मिले आरक्षण… पूर्व सीएम चंपई सोरेन की मांग से मचा घमासान

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और विधायक चंपई सोरेन ने धर्म परिवर्तन करने वालों को आरक्षण नहीं देने की मांग की है. उनका कहना है कि जो भी व्यक्ति धर्मांतरण कर के हमारी परंपराओं और रूढ़िवादी व्यवस्था से बाहर निकल चुका है, उसे आरक्षण नहीं मिलना चाहिए. वहीं, पूर्व सीएम के इस मांग पर राज्य में सियासी घमासान मचा हुआ है. जबकि एनडीए के घटक दलों ने उनके बयान का समर्थन किया है.

चंपई सोरेन ने यह बात जामताड़ा टाउन हॉल में सामाजिक संस्था एसेका द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही है. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संथाल परगना के पाकुड़ और साहिबगंज समेत कई हिस्सों में आज आदिवासी समाज अल्पसंख्यक हो चुका है, जबकि बांग्लादेशी घुसपैठिए उनकी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं. ऐसे में धर्म बदलने वालों को आदिवासियों को मिले आरक्षण में अतिक्रमण करने का कोई अधिकार नहीं है.

दोहरे लाभ की नीति ठीक नहीं है- जदयू विधायक

चंपई सोरेन ने कहा कि नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से यह तय हो चुका है कि धर्म बदलने वालों को आरक्षण से बाहर किया जाना चाहिए. साथ ही आदिवासी समाज को यह तय करना है कि जो लोग हमारी संस्कृति को भूल कर एक विदेशी धर्म के पीछे भाग रहे हैं, क्या उन्हें संविधान द्वारा हमारे समाज को दिए गए अधिकारों को हड़पने का कोई हक है? वहीं, बीजेपी नेता के बयान पर सियासत तेज है.

उनके इस बयान पर अब झारखंड के दिग्गज नेताओं की प्रतिक्रिया आई है. राज्य के पूर्व मंत्री और जदयू के विधायक सरयू राय ने चंपई सोरेन के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि धर्म परिवर्तन के बाद भी आरक्षण लेना उचित नहीं है. उन्होंने कहा, ‘अगर कोई धर्म परिवर्तन करता है, तो उसे उसी धर्म की व्यवस्था में जाना चाहिए. दोहरे लाभ की नीति ठीक नहीं है.’ वहीं, झारखंड सरकार में मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि चंपई सोरेन को यह सब मांग उस वक्त करना था, जब वह सरकार में थे.

राजनीतिक लाभ के लिए दिया बयान- JJM

इस मुद्दे पर झारखंड में बीजेपी के विधायक सत्येंद्र तिवारी ने कहा कि जिन लोगों ने धर्म परिवर्तन कर लिया है. उनको आरक्षण क्यों मिलेगा, एकदम सही मांग है. ऐसे लोगों का आरक्षण बन्द होना ही चाहिए. जबकि सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री हेमलाल मुर्मू ने चंपई सोरेन की मंशा पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि यह मामला संविधान से जुड़ा हुआ है. वह राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा बयान दे रहे है.

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