उत्तर प्रदेश का बहुप्रतीक्षित गंगा एक्सप्रेसवे बहुत जल्द यातायात के लिए खुलने वाला है। मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबा यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे राज्य के बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई देगा।
एक्सप्रेसवे की खासियतें
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लंबाई: 594 किलोमीटर (चरण-1); चरण-2 में हरिद्वार और बलिया तक विस्तार के बाद कुल 1,047 किमी।
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शुरुआत: मेरठ के बिजौली गांव (NH-334) से
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समाप्ति: प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव (NH-19) पर
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लेन: 6 लेन (8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है)
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जिले: मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज
सुविधाएं और संरचना
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2 मेन टोल प्लाजा: मेरठ और प्रयागराज
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12 रैम्प टोल प्लाजा
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9 सुविधा परिसर (फूड कोर्ट, रेस्ट एरिया)
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3.5 किमी लंबी आपातकालीन हवाई पट्टी (शाहजहांपुर में)
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इंटेलिजेंट हाईवे मैनेजमेंट सिस्टम और जल संचयन जैसी आधुनिक तकनीकें
अब मेरठ से प्रयागराज की यात्रा 6-8 घंटों में पूरी होगी, जो पहले 10-12 घंटे लगती थी।गंगा एक्सप्रेसवे पर 4.55 लाख पौधे लगाए जाएंगे, जल संचयन और बाढ़ नियंत्रण तटबंध बनाए जा रहे हैं।उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने विभिन्न श्रेणियों के वाहनों के लिए टोल दरें निर्धारित कर दी हैं। सटीक दरें शीघ्र सार्वजनिक होंगी।अडानी एंटरप्राइजेज और IRB इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स इसे DBFOT मॉडल (Design, Build, Finance, Operate & Transfer) पर बना रहे हैं।
📅 पूरा होने की समयसीमा
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चरण-1: 2025-26 तक पूरा होने की संभावना
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चरण-2: हरिद्वार और बलिया तक विस्तार
यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश के साथ बिहार और उत्तराखंड की कनेक्टिविटी को भी मजबूती देगा। धार्मिक पर्यटन और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।