कवासी लखमा की 30 जून तक कोर्ट ने न्यायिक रिमांड बढ़ा दी है। शराब घोटाला केस में पूर्व मंत्री लखमा सेंट्रल जेल में बंद है। बताया जा रहा है कि ACB-EOW लखमा के खिलाफ चालान पेश करेगी। इसके पहले लखमा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया था। जहां कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी थी।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक दिन पहले ही पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और कारोबारी विजय भाटिया से सेंट्रल जेल में मुलाकात की। भूपेश ने कहा था कि कवासी लखमा और विजय भाटिया दोनों की तबीयत खराब है, कोर्ट के आदेश के बाद भी इलाज नहीं मिलना निंदनीय है। लखमा हार्ट पेशेंट हैं, लेकिन पुलिस बल की कमी का हवाला देकर उन्हें अस्पताल नहीं ले जाया जा रहा।
व्यक्तिगत दुश्मनी निकाल रही सरकार
भूपेश ने कहा था कि एजेंसी ने गिरफ्तारी की है, मामला कोर्ट में चल रहा है। लेकिन एक बंदी को जेल में सुविधाएं मिलनी चाहिए वह नहीं मिल रही है। ऐसा लग रहा है कि सरकार व्यक्तिगत दुश्मनी निकाल रही है, जो बेहद गलत है।
सरकार में बैठे लोगों से कहना चाहूंगा की आपके अधिकारी थे, गिरफ्तारी की गई। लेकिन फैसला कोर्ट में होना है। जेल के अंदर व्यक्तिगत दुश्मन की तरह व्यवहार करना उचित नहीं है। और समय बदलते देर नहीं लगता है। इस प्रकार से व्यवहार किया जाना गलत बात है। दोनों का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, उन्हें स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरत है। जानबूझ कर बल उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है।
क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।
डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई शराब
ED की ओर से दर्ज कराई गई FIR की जांच ACB कर रही है। ACB से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।
घोटाले की रकम 2161 करोड़
निदेशालय की ओर से कवासी लखमा के खिलाफ एक्शन को लेकर कहा गया कि, ED की जांच में पहले पता चला था कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य लोगों का शराब सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में काम कर रहा था। इस घोटाले की रकम 2161 करोड़ रुपए है। जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी से हर महीने कमीशन मिला है।