जुलाई वाली मॉनसूनी तबाही मई में! अचानक बारिश, आंधी-तूफान के खतरे क्या हैं, क्या अलर्ट कर रहे मौसम वैज्ञानिक

मई 2025 भारत के लिए मौसम के लिहाज से असामान्य रहा है. आमतौर पर इस महीने गर्मी चरम पर होती है, लेकिन इस बार तापमान सामान्य से कम रहा. भारी बारिश, तूफान और धूल के तूफान देखे गए. यह पैटर्न जुलाई में होने वाली मॉनसूनी तबाही जैसा है, जो मई में देखा गया.

Advertisement

मौसम की वर्तमान स्थिति

मई 2025 में भारत के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से 2-5°C कम रहा. पश्चिम, केंद्रीय और पूर्वी भारत में अधिकतम तापमान कम रहा. पूर्वी और केंद्रीय भारत में न्यूनतम तापमान 1-3°C कम रहा. यह असामान्य है, क्योंकि मई आमतौर पर गर्मी की तीव्रता का महीना होता है.

बारिश के मामले में, मई में असामान्य रूप से भारी वर्षा हुई. 2-8 मई को सभी भारत में वर्षा 20% अधिक थी, और 8-14 मई को 35% अधिक रही. यह पश्चिमी विक्षोभों और बंगाल की खाड़ी, अरब सागर से आने वाली नमी के कारण हुआ.

प्रभावित क्षेत्रों में राजस्थान, मध्य प्रदेश, सौराष्ट्र-कच्छ, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, गंगा के पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, केरल, तमिलनाडु, त्रिपुरा, मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, कोंकण, गोवा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा, छत्तीसगढ़ और ओडिशा शामिल हैं.

दिल्ली में 25 मई 2025 को भारी बारिश हुई, जिसमें कुछ घंटों में 81.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई. इससे मई 2025 दिल्ली का सबसे गीला मई बन गया. यह असामान्य मौसम पैटर्न का एक स्पष्ट उदाहरण है.

मानसून और अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने भविष्यवाणी की है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 27 मई, 2025 को केरल तट पर पहुंचेगा, जो आमतौर पर 1 जून को होता है. यह चार दिन की जल्दी शुरुआत है, जो इस बात का संकेत है कि मानसून इस साल जल्दी और शायद सामान्य से अधिक बारिश ला सकता है. जून से सितंबर तक मानसून बारिश 105% LPA होने की संभावना है, जिसमें ±5% की त्रुटि हो सकती है.

IMD ने भारी बारिश के लिए अलर्ट भी जारी किए हैं. केरल के थ्रिसुर, मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासारगोड जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट और तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पथानामथित्ता, अलप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की, एर्नाकुलम, पलक्कड़ जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है.

गर्मी की लहर और अन्य पैटर्न

हालांकि तापमान सामान्य से कम है, IMD ने चेतावनी दी है कि मई के अंत में उत्तर-पश्चिम भारत, विशेष रूप से राजस्थान और हरियाणा में गर्मी की लहर आ सकती है. 21 मई, 2025 को राजस्थान के 10 स्थानों पर तापमान 44°C से अधिक रहा, जो गर्मी की तीव्रता को दर्शाता है. यह दिखाता है कि मौसम पैटर्न जटिल और क्षेत्रीय रूप से भिन्न हैं. पश्चिमी विक्षोभों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो मार्च-अप्रैल में चार और मई में दो बार आए, जिससे गीले मौसम और तूफान के बाद 5-7°C तापमान में गिरावट आई.

संभावित खतरे और जोखिम

अचानक बारिश और तूफान से कई खतरे हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं…

बाढ़: भारी बारिश से निचले इलाकों बाढ़ आ सकती है, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में जहां जल निकासी प्रणाली कमजोर है.
भूस्खलन: पहाड़ी इलाकों, जैसे उत्तराखंड और केरल में भारी बारिश से भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है.
फसलों को नुकसान: असमय बारिश से खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंच सकता है, जो किसानों के लिए आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है.
बिजली गुल: तूफान से बिजली के तार गिर सकते हैं, जिससे लंबे समय तक बिजली गुल हो सकती है.
यातायात व्यवधान: बाढ़ और तूफान से रेल और सड़क यातायात बाधित हो सकता है, जिससे यात्रियों को असुविधा हो सकती है.
स्वास्थ्य जोखिम: ठहरे पानी से मच्छर पनप सकते हैं, जिससे मलेरिया, डेंगू और अन्य वेक्टर-जनित बीमारियां फैल सकती हैं.
इन खतरों से निपटने के लिए लोगों को सतर्क रहने और स्थानीय प्रशासन की सलाह मानने की जरूरत है.

मौसम वैज्ञानिकों की राय

IMD के DG एम मोहपात्रा ने कहा कि मई में असामान्य बारिश और तूफान का दौर जारी है. मई के आखिरी सप्ताह में हरियाणा और उत्तर प्रदेश में गर्मी की लहर फैलने की संभावना है. दूसरी ओर, मौसम विशेषज्ञ एम राजीवन ने कहा कि मॉनसून की शुरुआत जल्दी हो सकती है. मई का तापमान इस पर असर नहीं डालेगा. इनसे पता चलता है कि मौसम पैटर्न जटिल हैं. क्षेत्रीय भिन्नताओं के कारण विभिन्न खतरों से भरा पड़ा है.

Advertisements