जुन्नारदेव – पैंतीस साल पहले नीलामी में व्यापारियों ने ली थी दुकान, दस्तावेज दिखाते रहे व्यापारी, रिकार्ड में अतिक्रमण निकला तो अधिकारियों ने लिया एक्शन शहर में प्रशासन ने तकरीबन पैंतीस दुकानों पर बुलडोजर चलाकर धराशाह कर दिया है. इसके अलावा पांच से सात दुकानों की दीवारों को भी गिरा दिया है. ओवर ब्रिज निर्माण के कारण प्रशासन ने ये कार्यवाही की है.
खास बात ये है कि इन दुकानों को व्यापारियों ने नगर पालिका से नीलामी में खरीदा था. लगभग तीस साल बाद अचानक ये दुकान अतिक्रमण में आ गई. नपा की इस कार्रवाई ने व्यापारियों को पेशोपेश में डाल दिया है. व्यापारियों ने बताया कि उन्हें नोटिस दिया गया था. इसको लेकर वे हाईकोर्ट पहुंचे थे. फिलहाल नपा की इस कार्रवाई को लेकर व्यापारी समाज में जमकर नाराजगी देखी जा रही है. इधर प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि मामला अतिक्रमण का है, इसलिए यह कार्रवाई की गई है. इसमें किसी के साथ गलत नहीं किया गया है. कार्यवाही के दौरान प्रशसनिक अधिकारियों सहित पुलिस बल भी मौजूद रहा.
व्यापारियों ने सालों पहले नगर पालिका से व्यापार के लिए व्यापारियों ने ये दुकानें खरीदी थी. ये दुकान व्यवस्थित चलती रही. नगर पालिका के अधिकारियों ने भी इन दुकानों को बेचकर माली हालत में सुधार कर लिया, लेकिन व्यापारियों को इस बात का जरा भी एहसास नहीं था कि एक दिन ये दुकान अतिक्रमण की श्रेणी में आ जाएगी और इन्हें तोड दिया जाएगा. सोमवार की सुबह से यही कार्रवाई शुरू की जाने लगी. प्रशासन ने इन दुकान संचालकों को चौबीस घंटे का अल्टीमेटम भी दिया था, लेकिन किसी ने अपनी दुकान को नहीं तोडा. इसके बाद सुबह से प्रशासनिक अधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. बताया जा रहा है कि यहां पर जमीन के माप को लेकर भी काफी समय तक विवाद चला है. दुकानों के जमीन का माप तकरीबन तीन से चार बार करवाया गया. बाद में विवाद के कारण इसे बाहर की सर्वे एजेंसी ने नाप कर प्रशासन को दस्तावेज दिए थे. इस नाम को फाइनल मानकर अधिकारियों ने अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई को अंजाम दे दिया.
अतिक्रमण हटाने लगाई 6 जेसीबी
इस दौरान 6 जेसीबी मशीन लगाई गई और अतिक्रमण की श्रेणी में आने वाली दुकानों को एक एक करके तोड़ दिया गया. व्यापारियों ने अधिकारियों से बात भी की लेकिन उन्होने कुछ भी मानने से इंकार कर दिया. हालांकि दुकान तोडते समय तमाम व्यापारियों ने शांति बनाए रखी. बताया जा रहा है कि व्यापारी कुछ दिन पहले ही उच्च न्यायालय पहुंचे थे. वहां पर मामले की सुनवाई अभी होनी थी, इसके पहले ही अधिकारियों ने इन दुकानों को तोड दिया. इस कार्रवाई को देखने बडी संख्या में लोगों की मौजूदगी भी नजर आई. तकरीबन तीन से चार घंटे तक ये बड़ी कार्रवाई चलती रही.
बनेगा ओवर ब्रिज
इस रास्ते पर ओवर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस ब्रिज की राशि सरकार दे चुकी है. इसका टेंडर भी स्वीकृत हो गया है. इसमें जल्दी ही निर्माण कार्य शुरु हो जाएगा. यही वजह है कि सड़क से लगी हुई दुकानों को जो अतिक्रमण की श्रेणी में आती है तोडा जाना था. अधिकारी लगातार प्रयास कर रहे थे, लेकिन स्थितियां न बन पाने की वजह से दुकानों को तोडना संभव नहीं हो पा रहा था.
कैसे कर दी नीलाम
सबसे बड़ी बात यह है कि आज नगर पालिका जिस जगह पर बनी दुकानों को अतिक्रमण बता रही है, तो पहले इस जगह पर कैसे दुकानें बना दी. इसके बाद नीलाम भी कर दी. सालों से व्यापारी यहां व्यापार कर रहे थे. अब उन परिवारों के सामने रोजी रोजी की समस्या खड़ी हो गई है. इस कार्रवाई को लेकर प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे है. लाखों रूपए लगाने के बाद आज व्यापरी सड़क पर आ गए है.