बालोद: जिले का सबसे बड़ा धार्मिक केंद्र मां गंगा मैय्या मंदिर झलमला आस्था के सैलाब से भर गया. यहां परंपरागत ज्योत-जंवारा विसर्जन का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल हुए.
सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी. शाम 5 बजे गर्भगृह से जैसे ही कुंवारे युवक सिर पर ज्योत-जंवारा लेकर बाहर निकले, पूरा वातावरण सेवा गीत और जसगीतों से गूंज उठा. भक्ति का ऐसा रंग चढ़ा कि हर कोई भाव-विभोर हो गया. मंदिर से निकली विसर्जन यात्रा शीतला तालाब तक पहुंची और वहां धार्मिक रीति से ज्योत-जंवारा का विसर्जन हुआ. खास बात यह रही कि इस यात्रा में झलमला के अन्य देवी-देवताओं की डांग-डोरी भी शामिल हुईं.
हाईवे-930 पर थमी रफ्तार
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और सुरक्षा को देखते हुए नेशनल हाईवे-930 को करीब एक घंटे तक बंद रखना पड़ा. वहीं, मंदिर समिति ने इस बार फोटो और वीडियो बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे भक्त केवल अपनी आंखों में इस दृश्य को समेट सके.
सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण समापन
हजारों की भीड़ के कारण जगह कम पड़ गई. श्रद्धा इतनी प्रबल थी कि महिलाएं और बच्चे हाईवे किनारे बने तांदुला केनाल पर चढ़कर दर्शन करते रहे. कार्यक्रम को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहा. एसडीओपी देवांश सिंह राठौर ने बताया कि कड़ी सुरक्षा के बीच विसर्जन यात्रा बिना किसी व्यवधान के सम्पन्न हुई.