गोंडा : जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने एक बार फिर प्रशासनिक क्षेत्र में रिश्तों की बुनियाद और भरोसे को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है.मामला कुछ-कुछ एसडीएम ज्योति मौर्या प्रकरण जैसा ही है.धानेपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले एक युवक ने अपनी पत्नी को पढ़ा-लिखाकर एएनएम (ANM) बनवाया, उसके नाम से संपत्ति खरीदी, लेकिन जैसे ही पत्नी की नौकरी लगी, उसके तेवर ही बदल गए.
पीड़ित दिनेश कुमार शुक्ल, ग्राम रानीजोत, मजरा फरेंदा भारी, थाना धानेपुर निवासी हैं.उन्होंने बताया कि उनकी शादी वर्ष 2008 में बलरामपुर जिले के एक गांव में हुई थी.शादी के बाद उन्होंने पत्नी को पढ़ाने-लिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और मेहनत कर उसे एएनएम की नौकरी दिलवाई। वर्तमान में उसकी पोस्टिंग सिद्धार्थनगर के बिजौरा में है.
“पत्नी के नाम खरीदी जमीन, अब वही बेगानी हो गई”
दिनेश का आरोप है कि उसने पत्नी के नाम खेत और गोंडा शहर में प्लॉट तक खरीद दिया, लेकिन जैसे ही पत्नी की सरकारी नौकरी लगी, उसके व्यवहार में बदलाव आने लगा.अब वह उसे छोड़ने पर आमादा है.पति का यह भी दावा है कि उसकी पत्नी किसी अन्य व्यक्ति के बहकावे में आ गई है और उसी के कहने पर संबंध तोड़ने की कोशिश कर रही है.
पुलिस से लेकर मुख्यमंत्री तक की चौखट पर लगा रहा गुहार
पीड़ित दिनेश ने इस संबंध में थाने से लेकर पुलिस अधीक्षक और मुख्यमंत्री तक को शिकायत पत्र भेजा है.बीते दिनों उसने अपनी बाइक व नगदी छीनने का भी आरोप लगाया था, जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.धानेपुर थाना पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
सामाजिक चर्चा का केंद्र बना मामला
यह मामला अब इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग इसे ज्योति मौर्या मामले की तरह “धोखा और महत्वाकांक्षा की कहानी” कह रहे हैं। वहीं, पति दिनेश न्याय की आस में दर-दर भटक रहा है.
यह खबर न सिर्फ एक परिवार के टूटते रिश्ते की तस्वीर पेश करती है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करती है कि क्या पढ़ाई और नौकरी के बाद रिश्तों की अहमियत कम होती जा रही है?