केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके बेटे महानआर्यमन सिंधिया भगवान महाकाल की शाही सवारी में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने विधिवत की पूजा अर्चना की. लाखों की भीड़ के बीच शाही सवारी निकली.
सिंधिया राजघराने के 14वें वंशज केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उसी परंपरा का निर्वहन उज्जैन में किया, जिस परंपरा की शुरुआत सिंधिया काल में हुई थी. 1732 में लगभग 300 साल पहले सिंधिया घराने के राणोंजी सिंधिया ने महाकालेश्वर मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था. इसके बाद 500 साल से बंद मंदिर को पुनः खोला गया था और भगवान महाकाल की सवारी का क्रम फिर से शुरू हुआ था.
सिंहस्थ कुंभ की भी शुरुआत 500 वर्षों बाद की गई थी. उसी समय से मराठा साम्राज्य सिंधिया राज परिवार के किसी न किसी सदस्य का भगवान महाकाल की सवारी में शामिल होने का क्रम शुरू हुआ था. इसी परंपरा का सिंधिया परिवार आज भी निर्वहन कर रहा है.
पहले इंदौर लैंड करके एमपीसीए एनुअल अवार्ड शो, ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर, बापट अस्पताल के पीछे, इंदौर में ज्योतिरादित्य सिंधिया और महान आर्यमन सिंधिया सम्मिलित हुए. इसके बाद उज्जैन में आयोजित शाही सवारी में सम्मिलित हुए.