कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश का पता लगाने के लिए पुलिस व विभिन्न जांच एजेंसियों के 300 अफसर जांच में जुटे हैं. एनआईए, आईबी, जीआरपी, एटीएस, एसटीएफ गांव-गांव जाकर छापेमारी कर रही है. फिर भी कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है.
कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए पुलिस की छह टीमें, कानपुर और लखनऊ की फॉरेंसिक की टीम, एलआईयू, आईबी, एनआईए, जीआरपी और आरपीएफ लगी हुई है. इन टीमों में कुल 300 लोग शामिल हैं. वहीं 54 पुलिस अधिकारी घटनास्थल का निरीक्षण कर चुके हैं. अभी तक ठोस सुबूत नहीं मिला है.
फॉरेंसिक टीम ने जरूर 10 सैंपल जांच के लिए भेजे हैं. वहीं यूपी एसटीएफ ने आसपास के गांवों जाल बिछा रखा है. एसटीएफ ने पुलिस के साथ-साथ 7 गांवों में छापेमारी की. पुलिस-एसटीएफ की टीम ने नवादा ,मुंडेरी ,कंठी नवादा सहित 7 गांव में ऑपरेशन चलाया. वहीं एनआईए और एटीएस की टीम प्रतिबंधित संगठनों की क्षेत्र में गतिविधियों पर काम कर रही है.
जेल में बंद कैदियों से भी हो रही पूछताछ
एटीएस की टीम ने लखनऊ जेल में बंद आतंकियों से पूछताछ की. कालिंदी एक्सप्रेस केस में कई जेलों में बंद आतंकियों से पूछताछ की जा रही है. एनआईए, एटीएस और एसटीएफ के अधिकारियों ने बुधवार को कानपुर और लखनऊ की जेलों में बंद आतंकियों से पूछताछ की. इनसे मिलने आने वालों का ब्यौरा चेक किया और सबंधित कागज़ात अपने कब्जे में ले लिये.
कानपुर के पास हुई थी ट्रेन पलटाने की साजिश
8 सितंबर की रात कानपुर के पास प्रयागराज से भिवानी की ओर जा रही कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश रची गई थी. असमाजिक तत्वों ने ट्रैक पर एलपीजी सिलेंडर, पेट्रोल और बारूद रख दिया था. ट्रेन से टकराने के बाद सिलेंडर ट्रैक से दूर जा गिरी. पुलिस और जांच एजेंसियों ने ट्रैक के आसपास से गैस सिलेंडर के अलावा, पेट्रोल की बोतल और बारूद बरामदकी थी.