कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ अब जल्द ही पर्दे पर रिलीज होगी. सेंसर बोर्ड ने एक्ट्रेस की फिल्म को सर्टिफिकेट दे दिया है. पर उन्होंने एक शर्त रखी है. सेंसर बोर्ड का कहना है कि फिल्म में से कुछ सीन्स काटने होंगे. साथ ही डिस्क्लेमर देना होगा, इसके बाद फिल्म रिलीज हो सकती है.
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि सेंसर बोर्ड ने ‘इमरजेंसी’ के फिल्म मेकर्स से कुछ सीन्स कट करने के लिए कहा है. साथ ही डिस्क्लेमर देने की बात भी उन्होंने रखी है. फिल्म में जो भी हिस्टॉरिकल इवेंट्स को दिखाया गया है, उसमें डिस्क्लेमर लगाने के लिए कहा है. ‘इमरजेंसी’ को UA सर्टिफिकेट मिला है. पर ये तभी मिलेगा, जब फिल्म मेकर्स सीन कट कर देंगे और डिस्क्लेमर दे देंगे.
हालांकि, अबतक फिल्म की रिलीज को लेकर कोई अपडेट नहीं है. फिल्म थिएटर्स में कब आएगी, ये नहीं बताया गया है. सिर्फ सर्टिफिकेट मिला है, जिसका इंतजार फिल्म मेकर्स काफी समय से कर रहे थे. बता दें कि पहले ‘इमरजेंसी’ 6 सितंबर को रिलीज होने वाली थी.
कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ को जब सेंसर बोर्ड की ओर से सर्टिफिकेट नहीं मिला था तो मेकर्स ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) को आदेश दिया था कि वो 18 सितंबर तक ‘इमरजेंसी’ के सर्टिफिकेट पर फैसला ले. इसके बाद 19 सितंबर को कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करेगा.
The film Emergency has been granted a 'UA' certificate after cutting flagged scenes and adding disclaimers about historical events. The CBFC mandated these changes. The matter is under review by the Bombay High Court, and the film's release date has not yet been finalized pic.twitter.com/RAGpJSDhjm
— IANS (@ians_india) September 8, 2024
सेंसर बोर्ड ने फैसला ले लिया है और फिल्म को UA सर्टिफिकेट भी दे दिया है. पर 19 सितंबर को याचिका पर सुनवाई होगी, ये तय है. बता दें कि मेकर्स ने कोर्ट में अपनी पिटीशन में कहा था- 8 अगस्त को CBFC ने ‘इमरजेंसी’ के प्रोड्यूसर (जी स्टूडियोज) और को प्रोड्यूसर (मणिकर्णिका फिल्म्स) को फिल्म में बदलाव करने के लिए कहा. इन बदलावों के बाद फिल्म को सर्टिफिकेट दिया जाना था. 14 अगस्त को मेकर्स ने CBFC से मिले निर्देशों के अनुसार, कट्स और बदलावों के साथ फिल्म सबमिट की.
“ये प्रोसेस पूरा होने के बाद 29 अगस्त को प्रोड्यूसर्स को CBFC से एक ईमेल मिला, जिसमें कहा गया कि फिल्म की सीडी सील (फाइनल) कर दी गई है और मेकर्स से सेंसर सर्टिफिकेट कलेक्ट करने की रिक्वेस्ट की गई. इसके बाद मेकर्स को एक और ईमेल मिला जिसमें कहा गया कि सर्टिफिकेट सफलतापूर्वक जारी कर दिया गया है और ईमेल में सर्टिफिकेट का नंबर भी था. हालांकि जब मेकर्स एक्चुअल सर्टिफिकेट कलेक्ट करने पहुंचे तो उन्हें सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया गया.”
मेकर्स ने कोर्ट में कहा था कि उन्हें लगता है ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि सिख समुदाय के कुछ संगठनों को ‘इमरजेंसी’ का ट्रेलर आपत्तिजनक लगा था और वे फिल्म की रिलीज का विरोध कर रहे थे.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने फाइनल ऑर्डर में कहा था कि ये फैक्ट विवादित है ही नहीं कि 8 अगस्त को CBFC ने ‘इमरजेंसी’ को कुछ बदलावों के साथ ‘U/A’ सर्टिफिकेशन दिया. 14 अगस्त को मेकर्स ने बदलाव सबमिट किए और 29 अगस्त की शाम 4 बजकर 17 मिनट पर मेकर्स को सर्टिफिकेट जेनरेट होने का ईमेल मिला. इसलिए CBFC की यह दलील स्वीकार्य नहीं है कि चेयरमैन के सिग्नेचर न होने की वजह से सर्टिफिकेट इशू नहीं किया गया. इसलिए CBFC की तरफ से, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में दिया गया यह सबमिशन भी गलत है कि सर्टिफिकेट इशू नहीं किया गया है.
हाई कोर्ट ने CBFC को 13 सितंबर तक, जबलपुर के सिख संगठनों से मिली आपत्तियों या रिप्रेजेंटेशन पर फैसला लेने को कहा. इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 18 सितंबर रखी गई. जिसपर एडवोकेट चंद्रचूड़ ने कहा कि गणपति उत्सव की छुट्टियां होने के नाते उन्हें कुछ और दिन का समय दिया जाए. हाई कोर्ट बेंच ने उन्हें कहा कि वो गणपति उत्सव के कारण काम न करने की बात नहीं कह सकते. हालांकि,कोर्ट ने CBFC को 18 सितंबर तक रिप्रेजेंटेशन्स पर फैसला लेने को कहा और सुनवाई की अगली तारीख 19 सितंबर तय की गई.